छत्तीसगढ़

मोस्ट-वांटेड नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा सहित 6 नक्सली ढेर

रिपोर्टर: राजेश कुमार झाड़ी की रिपोर्ट 

बीजापुर (प्रभात क्रांति) । छत्तीसगढ़ पुलिस ने पुष्टि की है कि मोस्ट-वांटेड नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा मंगलवार सुबह आंध्र प्रदेश में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन के दौरान मारा गया।

पुलिस के मुताबिक, इस मुठभेड़ में हिड़मा के साथ उनकी पत्नी और कई अंगरक्षक भी मारे गए।

आंध्र के मरेडुमिली जंगल में यह कार्रवाई हुई, जिसे नक्सलियों के एक बड़े ठिकाने के रूप में माना जाता था।

हिड़मा पर लगभग ₹1 करोड़ का इनाम था — उनकी पकड़ या मार गिराने को सुरक्षा बलों ने लंबे समय से प्राथमिकता दी थी।

माड़वी हिड़मा (जिसे “Santosh” नाम से भी जाना जाता था) नक्सलवादी आंदोलन में PLGA की बटालियन-1 का एक कुख्यात कमांडर था।

उस पर सुरक्षा बलों के अनेक हमलों के संचालन का आरोप था — जिसमें Jhiram घाटी हमला (2013) और अन्य गंभीर आयोजन शामिल हैं।

वह CPI (माओवादी) की सेंट्रल कमिटी का सदस्य भी था।

खबरों के मुताबिक़, हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों ने इसके खिलाफ एक बड़े अभियान चलाया था जिसमें 10,000 से ज़्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे।

1. नक्सली आंदोलन के लिए बड़ा झटका:

हिड़मा की मौत माओवादी संगठन के लिए एक बहुत बड़ा गहिरा धक्का हो सकती है। वह नक्सलवाद की कमांड स्ट्रक्चर में एक रणनीतिक और प्रतीकात्मक नेता था।

2. सुरक्षा बलों की रणनीति कामयाब:

इस ऑपरेशन में खुफिया इनपुट, कोबरा कमांडो और अन्य विशेष इकाइयों का इस्तेमाल हुआ — इससे सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी हुई क्षमताओं का पता चलता है।

3. संदेश और मनोबल:

यह सफलता न केवल सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाएगी, बल्कि नक्सल प्रभावित इलाकों में आम लोगों और जनमानस को यह संदेश देगी कि कट्टरपंथी नेताओं पर लगाम लगाई जा सकती है।

4. भविष्य के खतरे और रिकवरी:

हालांकि हिड़मा के मरने से संगठन को झटका लगेगा, लेकिन माओवादी गुटों के बचा-कुचा नेता और सक्रिय कमांडर अभी भी मौजूद हैं।

नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त करने के लिए सिर्फ़ सैन्य कार्रवाई पर्याप्त नहीं — सामाजिक और विकासात्मक उपायों (जैसे शिक्षा, रोज़गार) की भी ज़रूरत होगी।

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