लेम्पस कचनार बना पत्रकारों के लिए प्रयोगशाला, आरोप निकले निराधार, किसानों में फैली गलतफहमी…

जगदलपुर (प्रभात क्रांति)। बस्तर जिला जगदलपुर के जनपद पंचायत बकावण्ड का लेम्पस कचनार इन दिनों लगातार सुर्खियों में है। विभिन्न समाचार पत्रों में ग्राम पंचायत कचनार से संबंधित खबरें प्रमुखता से प्रकाशित हो रही हैं।
मामला तब शुरू हुआ जब बुधराम पिता पांचकोडिया (जाति भतरा) ने लेम्पस मैनेजर श्रीमती ललिता राव के खिलाफ बस्तर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई। आरोप लगाया गया कि मैनेजर ने उनके 28,000 रुपये धान खरीदी के नाम पर निकालकर गबन कर लिए। इसके बाद अनेक समाचार पत्रों में यह खबर बिना जांच के प्रकाशित कर दी गई।

पिछले कुछ दिनों से लेम्पस कचनार से जुड़े अलग-अलग विवाद लगातार सुर्खियों में रहे हैं—कभी पति-पत्नी दोनों के नौकरी करने की बात उठी, तो कभी पति द्वारा लेम्पस में अवैध दखलंदाजी की खबरें जोर-शोर से चलीं।
लेकिन जब प्रभात क्रांति की टीम ने इस प्रकरण की सच्चाई जानने का प्रयास किया, तो स्थिति अलग निकली। लेम्पस अध्यक्ष बलिराम, ग्राम पंचायत के सरपंच, जनपद सदस्य लिंगेवती, पंच और अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में बैठक कर मामले की जांच की गई। इससे स्पष्ट होता है कि बुधराम का किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लोन पूर्व 28,000 रूपये बकाया था जिसे उसके नाम से हस्ताक्षर करवाकर बचत खाता से लोन खाता में जमा कर दिया गया । सत्य सामने आने पर स्वयं बुधराम ने अपनी शिकायत को गलत मानते हुए माफी भी मांग ली।
दरअसल किसानों को बैंकिंग प्रक्रिया की जानकारी न होने के कारण यह गलतफहमी सामने आई। लेकिन पत्रकारों द्वारा बिना तथ्य जांचे लगातार खबरें प्रकाशित करना और किसी को निशाना बनाना निंदनीय है। कुछ पत्रकारों ने तो मैनेजर के पति की तस्वीरें लेकर ब्लैकमेल करने जैसी हरकतें भी कीं। इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना पत्रकारिता से समाज में भ्रम फैलता है और व्यक्तियों की छवि धूमिल होती है।
वर्तमान में ग्राम कचनार के किसान और जनप्रतिनिधि एकमत हैं कि विभिन्न समाचार पत्रों में लगाए गए आरोप निराधार हैं और यह पूरा विवाद केवल गलतफहमी और जल्दबाजी में प्रकाशित खबरों का परिणाम है।





