छत्तीसगढ़

आदिवासी अधिकार दिवस पर सर्व आदिवासी समाज ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन, आदिवासी अधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन से जुड़े कई महत्वपूर्ण और गंभीर मुद्दे उठाए

बीजापुर(प्रभात क्रांति)। आदिवासी अधिकार दिवस के अवसर पर सर्व आदिवासी समाज द्वारा भैरमगढ़ साप्ताहिक बाजार स्थल पर विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज के सचिव कमलेश पैंकरा और कोया कुटमा के संभागीय अध्यक्ष हिड़मा मंडावी, सोमारू कौशिक, रूक्मणी कर्मा, इग्नानुश तिर्की, सकनी चन्द्रैया के आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज ने रैली निकाल कर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम ज्ञापन कलेक्टर/उपायुक्त, आदिवासी विकास विभाग, बीजापुर के माध्यम से भैरमगढ़ एसडीएम विकाश सर्वे को सौंपा गया। ज्ञापन में आदिवासी समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन से जुड़े कई महत्वपूर्ण और गंभीर मुद्दे उठाए गए हैं।

सर्व आदिवासी समाज के जिला सचिव कमलेश पैंकरा ने कहा कि इस दिन का उद्देश्य आदिवासी समुदायों के अधिकारों, संस्कृति और पहचान को मान्यता देना है। उन्होंने बताया कि इस ज्ञापन के माध्यम से सरकार का ध्यान उन समस्याओं की ओर खींचा जा रहा है जिनका सामना आदिवासी समुदाय रोज़ कर रहा है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि वन अधिकार अधिनियम का पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए ताकि आदिवासी लोगों को उनके पारंपरिक वन भूमि पर उनके अधिकार मिल सकें। बीजापुर जिले में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए प्राथमिक, माध्यमिक और हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती की मांग की गई है। साथ ही, स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को भी तुरंत भरने की अपील की गई है।

आदिवासी भाषाओं और संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए बनाई गई योजनाओं को लागू करने से पहले स्थानीय समुदाय को विश्वास में लेने की बात कही गई है। आदिवासी महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष नीति बनाने की मांग की गई है। इसके अलावा, गंभीर कुपोषण और एनीमिया से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर जोर दिया गया है। ज्ञापन में सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए देसी और विदेशी एनजीओ के इस्तेमाल को बंद करने की भी मांग की गई है।
सर्व आदिवासी समाज ने नक्सल उन्मूलन के नाम पर बेगुनाह आदिवासियों की हत्या पर रोक लगाने और राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर उन्हें जेल भेजने की प्रथा को बंद करने की अपील की है। पड़ोसी जिले में लौह अयस्क के खनन से बीजापुर जिले में उत्पन्न हो रही जहरीले लाल पानी की समस्या का तत्काल समाधान करने और प्रभावित ग्रामीणों को बिना शर्त नौकरी और मुआवजा देने की मांग की गई है। इसके साथ ही, इंद्रावती टाइगर रिजर्व के नाम पर आदिवासी परिवारों के विस्थापन को रोकने और अवैधानिक रूप से जारी किए गए वनाधिकार पत्रों की जांच कर उन्हें निरस्त करने की भी अपील की गई है।

ज्ञापन में राज्यपाल से इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने और आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया गया है।
इस दौरान पाण्डुराम तेलाम, सीताराम मांझी, भावसिंह भास्कर, लक्ष्मण हपका, सोमारू कश्यप, श्रवण सैंड्रा, बलराम मिंज, शिव पुनेम, पाकलु तेलम, आदेश जुर्री, विनीता बघेल, सुहागा तारम सहित जिले भर से आए सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।

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