छत्तीसगढ़

मुद्दत के बाद पूरी हुई मांग, नया पुल डामरीकरण से हुआ सुगम पर गुणवत्ता पर उठे सवाल….

जगदलपुर (प्रभात क्रांति) । बस्तर जिले में अत्यंत महत्वपूर्ण और सबसे व्यस्त मार्ग कहलाने वाला इन्द्रावती नदी का पुल, जो जगदलपुर-रायपुर-उड़ीसा राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ता है, लंबे समय से जर्जर अवस्था में था। पुल की सतह टूट चुकी थी, लोहे की रॉड बाहर आ गई थीं, और जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए थे, जिसके कारण प्रतिदिन दुर्घटनाओं का गंभीर खतरा बना हुआ था ।

कई वर्षों से क्षेत्रवासियों की यह मूलभूत मांग थी कि इस पुल की तत्काल मरम्मत की जाए और लोगों की आवाजाही सुरक्षित बने। अंततः ‘‘प्रभात क्रांति’’ द्वारा लगातार समाचार प्रकाशित कर मुद्दे को मजबूत रूप से उठाया गया, जिसका प्रभाव देखने को मिला और प्रशासन द्वारा डामरीकरण कार्य शुरू किया गया, जिससे आमजन को अस्थायी राहत मिली और आवागमन सुगम हुआ । 

हालाँकि डामरीकरण कार्य होना सराहनीय कदम है और इसके लिए विभाग की पहल सकारात्मक मानी जा सकती है, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं । पुल की वर्तमान स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि कार्य भारी वाहनों की आवाजाही के स्तर को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए था, परंतु ऐसा नही किया गया ।

”डामर की परत बहुत पतली है और इसकी स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि दो-तीन माह में ही सड़क फिर उखड़ना शुरू हो जाएगी । पानी निकासी के स्थानों को भी डामर से बंद कर दिया गया है, जिससे भविष्य में पुल को और नुकसान होने की आशंका है ।“

प्रशासन द्वारा कार्य करवाना निश्चित रूप से सकारात्मक कदम है, परंतु जिस गुणवत्ता स्तर की अपेक्षा थी, वैसा कार्य नहीं किया गया है । आमजनों का कहना है कि कुछ महीनों बाद यह मार्ग फिर से अपनी पूर्व स्थिति में लौट सकता है, जिससे जनता को पुनः परेशानी झेलनी पड़ेगी ।

अब देखना यह है कि यह डामरीकरण मार्ग, वास्तव में जनता को कितने दिनों तक राहत दे पाता है, या कुछ ही समय में फिर पुरानी हालत में लौट आता है ।

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