फर्जी नियुक्ति पर बवाल : एक हफ्ते में कार्रवाई नहीं तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा….

जगदलपुर(प्रभात क्रांति) , जनपद पंचायत बकावण्ड में संलग्न कर्मचारी श्री श्रवण श्रीवास्तव वर्ग-3 की नियुक्ति को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि श्रीवास्तव की नियुक्ति जनपद पंचायत बीजापुर से नियम विरुद्ध तरीके से हुई थी। यह नियुक्ति सामान्य वर्ग के आधार पर अ.ज.जा. (अनुसूचित जाति/जनजाति) वर्ग की सीट पर की गई, जिससे आरक्षित वर्ग के संविदा कर्मचारियों का हक छीन लिया गया।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन वरिष्ठ अधिकारियों की समिति गठित की गई थी। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट पाया गया कि श्रीवास्तव की नियुक्ति नियमविरुद्ध और फर्जी है। इसके बावजूद तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत से वर्ष 2016-17 में उन्हें जनपद पंचायत बीजापुर से हटाकर जनपद पंचायत बकावण्ड में संलग्न कर दिया गया। जबकि वर्तमान सरकार ने संलग्नीकरण व्यवस्था को समाप्त करने का आदेश जारी किया है।
आरोप है कि जनपद पंचायत के स्थानीय संविदा कर्मचारी वर्षों से मेहनत कर रहे हैं, लेकिन श्रीवास्तव नौ वर्षों से नियमविरुद्ध तरीके से संलग्न रहते हुए उनका हक छीन रहे हैं। शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि यह न केवल नियम-कानून का उल्लंघन है बल्कि गरीब व आदिवासी संविदा कर्मचारियों के अधिकारों का सीधा हनन है।
कार्रवाई की मांग और हाईकोर्ट जाने की चेतावनी
पीड़ित पक्ष ने आयुक्त बस्तर संभाग, जिलाधीश बस्तर/बीजापुर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत अधिकारियों से मांग की है कि जल्द से जल्द श्रीवास्तव का संलग्नीकरण समाप्त कर उन्हें उनके मूल पदस्थापना स्थल बीजापुर वापस भेजा जाए। साथ ही फर्जी नियुक्ति पर जिम्मेदार अधिकारियों और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
इस पूरे प्रकरण की जानकारी शासन के शीर्ष स्तर तक भी पहुंचाई गई है। इसके अंतर्गत प्रतिलिपि माननीय मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग रायपुर, तथा पुलिस अधीक्षक बस्तर/बीजापुर को भी भेजी गई है, ताकि मामले की गंभीरता पर उच्च स्तर पर संज्ञान लिया जा सके।
शिकायतकर्ताओं ने साफ चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर संलग्नीकरण समाप्त नहीं किया गया और 15 दिनों के भीतर फर्जी नियुक्ति पर कार्यवाही नहीं हुई, तो वे न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण लेने को बाध्य होंगे।