छत्तीसगढ़

मौत को दावत देते सुखे पेड़! कब जागेगा वन विभाग?, बस्तर मार्ग पर खड़ी है मौत – बस्तर की जनता पूछ रही है: “जवाबदेही किसकी?”

जगदलपुर(प्रभात क्रांति), राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे, आसना से बकावंड जाने वाली सड़क, लामनी सड़क पर दर्जनों जगहों पर खतरनाक स्थिति में खड़े हैं मृतक सुखे पेड़, जो कभी भी किसी की जान ले सकते हैं। तेज़ हवा या हल्की बारिश भी इन पेड़ों को ज़मीन पर गिरा सकती है — लेकिन वन विभाग और प्रशासन अब तक गहरी नींद में हैं।

बस्तर की जनता का कहना है कि ये पेड़ सिर्फ सूखे नहीं हैं, बल्कि ज़िंदा लोगों के लिए चलते-फिरते खतरे बन चुके हैं। राह चलते अगर किसी वाहन, बाइक सवार, या पैदल यात्री के ऊपर पेड़ गिरता है, तो क्या वन विभाग इसकी ज़िम्मेदारी लेगा? या फिर हमेशा की तरह हादसे के बाद फाइलों में दबी रिपोर्टें और बयानों का ढकोसला चलेगा?

जनता का सीधा सवाल – “कब हटेंगे ये मौत के संकेत?”

क्या वन विभाग किसी बड़ी जान-माल की क्षति का इंतज़ार कर रहा है?
क्या मौत आने के बाद ही कार्रवाई होगी?

बस्तर की जनता की तीन प्रमुख माँगें:

1️⃣ इन मृतक पेड़ों की तुरंत पहचान कर कटाई की जाए।
2️⃣ वन विभाग और लोक निर्माण विभाग संयुक्त कार्रवाई करें।
3️⃣ ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण और निगरानी की व्यवस्था की जाए।

यह केवल लापरवाही नहीं, एक प्रशासनिक अपराध है 

अगर आज एक सुखा पेड़ किसी मासूम पर गिरता है और उसकी जान जाती है, तो यह “दुर्घटना” नहीं बल्कि वन विभाग और प्रशासन की घोर नाकामी होगी।

बस्तर की जनता की चेतावनी: “अब अगर कोई हादसा हुआ –

तो हम चुप नहीं बैठेंगे।
न सिर्फ सवाल पूछेंगे, बल्कि जिम्मेदारों को सड़कों पर घसीट कर जवाबदारी तय करवाएंगे।”

सबसे बड़ा सवाल – क्या वन विभाग देगा मुआवज़ा?

“वन मंडल के अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण इन जानलेवा सुखे पेड़ों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।”
बस्तर की जनता पूछ रही है – यदि किसी की जान या संपत्ति को नुकसान होता है, तो क्या वन विभाग मुआवजा देगा?
या फिर पीड़ित परिवारों को भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ेगा?

शासन-प्रशासन से खुली अपील:

अब समय आ गया है कि नींद से जागिए और अपनी जिम्मेदारी निभाइए।
वरना जनता की आवाज़ इस बार सिर्फ दरवाज़े पर नहीं, बल्कि गेट तोड़कर सवाल करने आएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button