छत्तीसगढ़

ककाड़ीपारा के आदिवासी बच्चों के सपनों को बचाने की जंग: ग्रामीणों का जज़्बा और विधायक विक्रम मंडावी का साथ, शिक्षा देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, भाजपा सरकार इसे ख़त्म करना चाहती है- विक्रम मंडावी… देखें वीडियो

बीजापुर(प्रभात क्रांति), बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक का ग्राम जांगला जहां 2018 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे उसी जांगला संकुल अंतर्गत ककाड़ीपारा गांव में शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तीकरण के तुगलकी फैसले ने आदिवासी बच्चों के सपनों पर ताला जड़ने की कोशिश की। इस फैसले के तहत गांव के प्राथमिक स्कूल को बंद कर दिया गया और बच्चों 5 किलो मीटर दूर जांगला स्कूल जाने को कहा गया है।

इस अन्यायपूर्ण आदेश के खिलाफ ककाड़ीपारा के ग्रामीणों ने हार नहीं मानी। उन्होंने प्रशासन के फैसले को चुनौती देते हुए गांव की रसोइया पार्वती कोवासी को स्कूल की शिक्षिका की जिम्मेदारी सौंपी। पार्वती ही अब स्कूली बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन तैयार करती हैं और बच्चों को भोजन खिलाने के साथ-साथ बच्चों को क, ख, ग सिखाती हैं। बच्चों को मध्याह्न भोजन की व्यवस्था ग्रामीणों द्वारा की जा रही है प्रति दिन एक परिवार से बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन की व्यवस्था की जाती है, गांव के ही युवक हरिराम पोयाम बच्चों को स्कूल लाने में मदद करते हैं।

इस संघर्ष में ग्रामीणों को बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी का साथ मिला। और वे मंगलवार को ही ककाड़ीपारा स्कूल पहुंचकर बच्चों, रसोइया पार्वती और ग्रामीणों से मुलाकात किया साथ ही विधायक विक्रम मंडावी ने स्कूली बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन का राशन, बच्चों को स्कूल ड्रेस, कॉपी, पेन और खेल सामग्री आदि लेकर स्कूल पहुंचे और बच्चों को वितरित किए, विधायक विक्रम मंडावी ने ग्रामीणों में शिक्षा के प्रति जज़्बे को सलाम किया।और हर संभव स्कूल के संचालन में सहयोग करने की बात कही है।

ग्रामीणों और बच्चों से चर्चा करते हुए विधायक विक्रम मंडावी ने कहा, “शिक्षा देश के हर एक नागरिक का मौलिक अधिकार है, भाजपा सरकार युक्तियुक्तीकरण के बहाने आदिवासी बच्चों से उनके संवैधानिक अधिकार छीन रही है।” विधायक विक्रम मंडावी ने ककाड़ीपारा के ग्रामीणों के प्रयासों को प्रेरणादायक बताते हुए शिक्षा को जन-आंदोलन बनाने व हर गांव में स्कूल खोलने की मांग भाजपा की डबल इंजन की सरकार के आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की है।साथ ही विधायक विक्रम मंडावी ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वे भी इन ग़रीब आदिवासी बच्चों की मन की बात सुनें।

ग्रामीणों ने विधायक विक्रम मंडावी को बताया कि कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद केवल टालमटोल जवाब मिलते रहे प्रशासन द्वारा आने वाले समय में स्कूल को पुनः संचालन नहीं किए जाने की स्थिति को देखते हुए हम ग्रामीणों के द्वारा गांव के स्कूल को ग्रामीणों को आपसी सहयोग के द्वारा संचालन करने का फ़ैसला लिया हैं।

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