छत्तीसगढ़

मालगांव व बजावण्ड क्षेत्र में यूरिया संकट गहराया, लेम्स भवन भी बना खतरे का केंद्र…

जगदलपुर (प्रभात क्रांति)। बस्तर जिले के ग्रामीण अंचलों में इन दिनों यूरिया की भारी किल्लत देखी जा रही है, जिससे किसान परेशान हैं। शासकीय लेम्स मालगांव एवं बजावण्ड में यूरिया की अनुपलब्धता के कारण क्षेत्रीय किसान निजी व्यापारियों से 700 से 800 रुपये प्रति बोरी की दर से यूरिया खरीदने को मजबूर हैं। शासन द्वारा निर्धारित रेट से दुगुने दामों में उर्वरक मिलने से खेतों में रोपाई के बाद पोषण देने की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। इससे किसानों में असंतोष साफ झलक रहा है।
मालगांव लेम्स भवन की हालत गंभीर, कर्मचारी जोखिम में कर रहे कार्य

ग्राम मालगांव स्थित शासकीय लेम्स भवन की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है। वर्षों पूर्व बना यह भवन अब सड़क के स्तर से नीचे चला गया है और पूरी तरह से सीलन और दरारों से घिर चुका है। भवन की छत की ढलाई भी धीरे-धीरे गिर रही है, जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है। इसके बावजूद, प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, लेखापाल, कंप्यूटर ऑपरेटर और अन्य कर्मचारी जान जोखिम में डालकर सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक कार्य करने को मजबूर हैं। यह भवन ग्राम पंचायत जुनावनी, कोहकापाल, गुमड़ेल, मालगांव एवं धोबीगुड़ा सहित कई गांवों के किसानों की सेवा का केंद्र है, जिसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।

यूरिया की कालाबाजारी चरम पर, शासन को तुरंत संज्ञान लेने की आवश्यकता

जहां एक ओर शासन द्वारा किसानों को समय पर खाद मुहैया कराने की बात की जाती है, वहीं ज़मीनी हकीकत इसके उलट है। मालगांव व बजावण्ड के लेम्स में यूरिया अनुपलब्ध है, जिससे कालाबाज़ारी बढ़ती जा रही है। ग्राम तारापुर जैसे इलाकों के व्यापारी इसका लाभ उठाकर यूरिया ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक किसानों को यूरिया नहीं मिल पाया, जबकि डीएपी और पोटाश कुछ मात्रा में उपलब्ध हैं। ऐसे में प्रशासन और सहकारी बैंक को चाहिए कि जल्द से जल्द यूरिया की आपूर्ति बहाल करे और जर्जर भवन के पुनर्निर्माण की दिशा में कदम उठाए, ताकि किसान और कर्मचारी दोनों सुरक्षित और संतुलित वातावरण में कार्य कर सकें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button