छत्तीसगढ़

भ्रष्टाचार को ढाल बना रही भाजपा सरकार, बस्तर में आदिवासी कोटे की फर्जी नियुक्ति पर अब तक नहीं हुई कार्यवाही….

जगदलपुर(प्रभात क्रांति), बस्तर जिला जगदलपुर के जनपद पंचायत बकावण्ड में भाजपा शासित छत्तीसगढ़ में एक बार फिर भ्रष्टाचार और आरक्षण के उल्लंघन का गंभीर मामला सामने आया है। जनपद पंचायत बकावण्ड में अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित पद पर अनारक्षित वर्ग के व्यक्ति की फर्जी नियुक्ति की पुष्टि के बावजूद अब तक कोई प्रशासनिक कार्यवाही नहीं की गई है ।

मामला श्रवण श्रीवास्तव नामक व्यक्ति की नियुक्ति से जुड़ा है, जिसे बीजापुर जनपद पंचायत में सहायक ग्रेड-03 के पद पर नियुक्त किया गया था। यह पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित था, लेकिन नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए एक अनारक्षित वर्ग के व्यक्ति को नियुक्त कर दिया गया ।

जनशिकायत से शुरू हुआ खुलासा

मुख्यमंत्री जनशिकायत पोर्टल (प्रकरण संख्या 791525001947) पर शिकायत दर्ज कराई गई शिकायत पर जांच करते हुए बीजापुर कलेक्टर द्वारा विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर जिला पंचायत जगदलपुर व बस्तर संभागीय आयुक्त कार्यालय को भेजी गई । जांच में यह स्पष्ट पाया गया कि –

  • नियुक्ति पूर्णतः नियम विरुद्ध थी।
  • अभ्यर्थी के पास ST वर्ग का कोई प्रमाण या पात्रता नहीं थी।
  • इसके बावजूद वह वर्षों से आरक्षित पद पर सेवा दे रहा है।

सब कुछ स्पष्ट, फिर भी कार्यवाही नहीं!

जांच में सब कुछ साफ होने के बावजूद अब तक न तो श्रवण श्रीवास्तव को बर्खास्त किया गया, न ही इस अनियमित भर्ती प्रक्रिया में संलिप्त अधिकारियों पर कोई दंडात्मक कार्यवाही हुई है। सूत्रों के अनुसार, उक्त कर्मचारी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिससे उसके खिलाफ कोई भी विभागीय कार्रवाई नहीं हो रही ।

बस्तर जैसे संवेदनशील अंचल में भ्रष्टाचार बेहद शर्मनाक

बस्तर जैसी आदिवासी बहुल और संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह आरक्षण नीति का उल्लंघन आदिवासी समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला है। यह घटना भाजपा सरकार की आदिवासी कल्याण की कथित नीतियों की पोल खोलती है।
जनप्रतिनिधियों और जागरूक नागरिकों का कहना है कि यदि अब भी सरकार ने इस पर कठोर कार्यवाही नहीं की, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचारियों को सजा नहीं, संरक्षण मिलता है ।

भ्रष्टाचार मिटाने का दावा, लेकिन कार्रवाई नदारद

जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाकर भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने की कसम खाता है और वहीं भाजपा की सरकार में इस तरह की नियुक्ति होने के बाद अधिकारियों द्वारा जांच में दोष सिद्ध होने पर भी न तो किसी पर कार्यवाही होती है, न ही सेवा समाप्ति की प्रक्रिया अपनाई जाती है ।

इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा में भू-भय और भ्रष्टाचार में संलिप्त नेताओं के कारण पार्टी की छवि लगातार खराब होती जा रही है ।

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