छत्तीसगढ़

शिक्षा विभाग में बन रहे भवनों के निर्माण में हो रही धांधली, अधिकारी एवं ठेकेदार के मिलीभगत में फलफूल रहा भ्रष्टाचार… देखें विड़ियों:-

जगदलपुर(प्रभात क्रांति), छत्तीसगढ़ सरकार हमेशा बस्तर जिला पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण से स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर हमेशा सजग रहता है और कई योजनाओं का संचालन भी समय-समय पर करते आ रह है ताकि यहां के आदिवासी सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का लाभ ले सके किन्तु कुछ अधिकारियों के द्वारा सरकार की योजनाओं को स्वंय लाभ लेने में जुटे रहते है ।

इसी के तहत वर्तमान में बच्चों के स्कूल खुल रहे है जिसमें बस्तर जिला के कई ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष एवं नवीन प्राथमिक शाला का निर्माण सरकार के द्वारा कराया जा रहा है । ताकि बच्चों को पढ़ाई करने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े ।

वही जिला शिक्षा समिति द्वारा बनाये जा रहे प्राथमिक शला भवन में भारी अनियमिता देखी जा रही है यहां संबंधित ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहिन सामग्री का उपयोग किया जा रहा है तथा सस्ता हल्का सरिया एवं निम्न स्तर के सीमेंट का उपयोग कर लापरवाही पूर्वक यत्रतत्र कार्य किया जा रहा है विभाग के मौन से स्पष्ट हो रहा है कि यह सब लापरवाही अधिकारी एवं ठेकेदार के साठगांठ से चल रही है । ज्ञात हो कि वर्तमान में जिला शिक्षा समिति के द्वारा जनपद पंचायत बकावण्ड में 20 शाला भवन बनाया जा रहा है जो आर.ई.एस. विभाग द्वारा ठेका पर दिया गया है ।

एक ठेकेदार जो लगभग 07 प्राथमिक शाला का भवन निर्माण कर रहा है ठेकेदार बजरंग दल एवं विश्व हिन्दू परिषद के नेता के करीबी होने के कारण से यह ठेकेदार फल-फूल रहा है इसके द्वारा स्कूल के निर्माण कार्य में भारी लारवाही पूर्वक कार्य कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है ।

वही ग्राम पंचायत के बोरपदर के स्कूल में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण किया जा रहा है जहां भी स्थिति जस की तस बनी हुई है । इसके साथ-साथ जनपद पंचायत बकावण्ड में गुमडेल, जुनावनी, तुंगापाल जैसे क्षेत्रों में नवीन प्राथमिक शाला का निर्माण कराया जा रहा है, परन्तु निर्माण कार्य में भी गुणवत्ताहिन सामग्री को उपयोग में लाकर लापरवाही पूर्वक निर्माण कार्य किया जा रहा है तथा समय से कार्य नही हो पा रहा है ठेकेदार द्वारा भवन की मजबूती पर ध्यान नही दिया जा रहा है ठेकेदार अपना जेब भरने में जुटा हुआ है यह सब भ्रष्टाचार अधिकारी, इंजीनियर एवं ठेकेदार के मिलीभगत से चल रहा ।

इस हेतु शासन को उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर जांच की जानी चाहिए तथा दोषी पाये जाने पर ठेकेदार पर कठोर कार्यवाही किया जाना चाहिए. संबंधित विभाग एवं ठेकेदार द्वारा शैक्षणिक संस्था जैसे क्षेत्रों में भी इस तरह से लापरवाही पूर्वक कार्य कर बच्चों के जान को जोखिम में डालना घोर निंदनीय है ।

देखें विड़ियों:-

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