करपावण्ड तहसील में अर्जी मुंशी के जगह बैठे फर्जी अर्जी मुंशी कर रहे अवैध उगाही, काट रहे चांदी, संबंधित अधिकारी मौन….देखें विड़ियों:-

जगदलपुर(प्रभात क्रांति), छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण एवं अंदूरूनी क्षेत्रों में आदिवासियों को लाभ दिलाने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जाता रहा है ताकि वह भी छत्तीसगढ़ के विकास में अपना योगदान दे सके ।
इसी के तहत बस्तर जिला जगदलपुर के जनपद पंचायत बकावण्ड के करपावण्ड में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीणों की आवश्यकता को देखते हुए एक नये तहसील का निर्माण करवाया कराया गया, ताकि ग्रामीणों को तहसील संबंधी आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र तथा भूमि से संबंधित अन्य दस्तावेज के लिए भटकना ना पड़े । इस तहसील के निर्माण से ग्रामीणों में काफी हर्ष का माहौल बना हुआ है और सरकार की इस पहल से ग्रामीण खुशी जाहिर कर रहे है ।

वर्तमान में आचार सहिता खत्म होन के बाद ग्रामीणों के द्वारा बड़ी संख्या में करपावण्ड तहसील कार्यालय पहुंचकर आय, जाति, निवास तथा भूमि संबंधित दस्तावेज के लिए आवेदन प्रस्तुत करने में लगे हुए है, किन्तु इस तहसील कार्यालय में अर्जी-मुंशी तथा दस्तावेज लेखक नही होने के कारण से इस कार्यालय में बैठे फर्जी अर्जी मुंशी दिनेश देवांगन दस्तावेज कार्य करते हुए लोगों से अवैध रूप से उगाही करने की बात प्रकाश में आई है इसके द्वारा अनपढ़ आदिवासी ग्रामीणों का लाभ उठाते हुए छोटे-छोटे कामों के लिए 200 से 500 रूपये तक लिया जा रहा है जो कि अवैध है, ग्रामीणों द्वारा कम पैसे देने की बात कहने पर काम करने के लिए मना कर रहा है जिसके कारण आदिवासी ग्रामीणों को मजबूरन अधिक पैसा देकर काम कराना पड़ रहा है ।
वही इस संबंध में तहसीलदार मण्डावी से फोन पर चर्चा करने पर उन्होंने इसकी जानकारी नही होने की बात कही और उन्होंने संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही है परन्तु आज पर्यन्त तक कोई कार्यवाही नही हो पाया है ।
आपको बता दे कि करपावण्ड नया तहसील कार्यालय में नवीन शाखा खुलने से एक स्टाम्प वेंडर एवं अर्जी-मुंशी की नियुक्ति हेतु तहलीदार की अनुमति होना आवश्यक है किन्तु बिना तहसीलदार के अनुमति से अवैध रूप से बैठे फर्जी अर्जी मुंशी द्वारा ग्रामीणों से अवैध वसूली करने में लगे हुए है । उक्त फर्जी अर्जी मुंशी दिनेश देवांगन ने भाजपा नेता का हवाला देकर लोगों को बात को दबाने का प्रयास कर रहा है तथा अवैध उगाही जोरो पर है जिससे अनपढ़ आदिवासियों इसका शिकार हो रहे है ।
इस ओर संबंधित अधिकारी एवं जनप्रतिनिध को ग्रामीणों की स्थिति को देखते हुए उचित कदम उठाना उठाकर उक्त फर्जी अर्जी मुंशी के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए ।
देखें विड़ियों:-