छत्तीसगढ़

रेंजर और डिप्टी रेंजर पर लगाए गए बांध घोटाले के आरोप जांच में पाए गए निराधार….इस संबंध में ग्रामीण ने क्या कहा देखें वीडियो

जगदलपुर(प्रभात क्रांति), बस्तर जिला जगदलपुर के वन परिक्षेत्र करपावण्ड के चालानगुड़ा बीट अंतर्गत कक्ष क्रमांक 1174 (नया-194) में निर्मित मिट्टी के चेकडेम निर्माण को लेकर बीते 09 मई को एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पोर्टल तथा दैनिक पत्रिका में ”रेंजर और डिप्टी रेंजर ने जंगल में किया लाखों का बांध घोटाला“ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया था। समाचार में परियोजना में अनियमितता, आदिवासी किसानों की भूमि अधिग्रहण, अधिक राशि स्वीकृति सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए थे।

इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मुख्य वन संरक्षक श्री आर.सी. दुग्गा के निर्देश पर एवं वनमंडलाधिकारी बस्तर श्री उत्तम कुमार गुप्ता के आदेशानुसार उपवनमंडलाधिकारी बस्तर श्री आई.पी. बंजारे को जांच सौंपी गई थी । जांच प्रतिवेदन क्रमांक 649 दिनांक 11.05.2025 को प्रस्तुत किया गया जिसमें समाचार में लगाए गए अधिकांश आरोपों को झूठा, भ्रामक एवं तथ्यों से परे बताया गया है।
जांच में क्या-क्या तथ्य सामने आए? 

  • भूमि अधिग्रहण का आरोप असत्य – जिस भूमि पर बांध निर्माण किया गया, वह श्री बुदरू कश्यप को प्रदत्त व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र की भूमि है। उक्त निर्माण हेतु उनकी लिखित सहमति ली गई थी। भूमि का वन अधिकार अब भी उन्हीं के नाम पर है और वे मछली पालन सहित अन्य आजीविका कार्यों के लिए स्वतंत्र हैं।
  • निर्धारित स्थल से स्थल निर्माण का आरोप गलत – बांध निर्माण NRM इंजीनियर एवं वन विभाग द्वारा ग्राउंड ब्रूथिंग के बाद चयनित स्थल पर ही किया गया, जो कैचमेंट एरिया के अंदर स्थित है। अतः स्थान परिवर्तन का आरोप निराधार है।
  • बांध के लिए 30 लाख की मंजूरी का दावा भ्रामक – परियोजना के लिए मात्र 18,11,356 रूपये की स्वीकृति मिली थी, जिसकी तकनीकी अनुमति भी CCF जगदलपुर से प्राप्त की गई थी ।
  • किसानों को प्रलोभन देने का आरोप आंशिक सत्य – मछली पालन योजना के तहत किसानों को लाभ पहुंचाने की मंशा थी। पूर्व वर्ष बांध कार्य अपूर्ण होने के कारण बीज वितरण नहीं हो सका था। वर्तमान वर्ष में बीज वितरण की योजना बनाई गई है।
  • मजदूरी एवं मशीनी भुगतान रोकने का आरोप असत्य – सभी मजदूरों एवं मशीन ऑपरेटरों को RTGS के माध्यम से उनके बैंक खातों में भुगतान किया गया है।
  • हरे-भरे जंगल को नुकसान पहुंचाने का आरोप तथ्यहीन – कार्य नरवा विकास योजना के अंतर्गत कैम्पा मद से स्वीकृत था, जो खुले वन क्षेत्र (नाला क्षेत्र) में किया गया। किसी भी हरे-भरे वन क्षेत्र को क्षति नहीं पहुंचाई गई है।

वन विभाग द्वारा जांच उपरांत पाया गया कि समाचार माध्यमों में बिना पुष्टि के प्रकाशित आरोपों को जांच में अधिसंख्य असत्य एवं भ्रामक पाया गया है। यह स्पष्ट किया गया है कि वन विभाग द्वारा किए गए चेकडेम निर्माण कार्य नियमों के अनुसार, स्वीकृत बजट में, और लाभकारी उद्देश्य के तहत किए गए हैं।

वन विभाग ने अपील की है कि भ्रामक समाचारों से बचा जाए तथा सत्यता की पुष्टि के पश्चात ही समाचारों का प्रकाशन किया जाए।

इस संबंध में ग्रामीण ने क्या कहा देखें वीडियो :-

 

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