छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री शाला जतन योजना में भारी अनियमितता बकावण्ड विकासखंड में गुणवत्ताहीन भवन, ठेकेदार को राजनीतिक संरक्षण का आरोप….

जगदलपुर (प्रभात क्रांति)। बस्तर जिले के जगदलपुर अंतर्गत बकावण्ड विकासखंड में संचालित मुख्यमंत्री शाला जतन योजना में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। जानकारी के अनुसार, प्रवीण अग्रवाल नामक ठेकेदार द्वारा निर्माणाधीन पांच स्कूलों के कार्यों में गंभीर लापरवाही बरती गई है। यह कार्य वर्ष 2022-2023 में ₹13.29 लाख की लागत से ग्राम पंचायत मालगांव, गुमड़ेल, जुनावनी, पाईकपाल एवं टूँगापाल सहित अन्य गांवों में किया गया था।

मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना प्रदेश सरकार की एक सराहनीय पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण अंचलों में शैक्षणिक ढांचे को सशक्त बनाना है। किंतु इस योजना के अंतर्गत बनाये गये विद्यालय भवन न केवल गुणवत्ताहीन हैं, बल्कि उनके गिरने का भी खतरा मंडरा रहा है। भवन निर्माण में घटिया सामग्री जैसे कमजोर सीमेंट, ईंट, निम्न स्तर के टाइल्स और फर्नीचर का प्रयोग किया गया है। कई स्कूलों में खिड़कियां तक नहीं लगाई गईं, और न्यू प्लिंथ की जगह पर अधूरी नींव ही छोड़ दी गई है ।

ग्राम पंचायतों की अनदेखी और ठेकेदार की चापलूसी बनी बाधा

स्थानीय ग्रामीणों और मीडिया द्वारा कई बार शिकायतें करने के बावजूद भी न तो कोई जांच हुई और न ही ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि संबंधित ठेकेदार की पहुँच मंत्री, सांसद, विधायक सहित स्वंय एक धर्म स्वयंसेवी संस्था से जुड़ा हुआ है, जिससे उसका सभी पंचायतों में दबदबा बना हुआ है ।

चौंकाने वाली बात यह है कि निर्माण कार्य अधूरा रहने के बावजूद पंचायतों से कार्य पूर्णता प्रतिवेदन ले लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, ठेकेदार ने पंचायत प्रतिनिधियों को भ्रमित कर तथा राजनीतिक दबाव का उपयोग करते हुए कार्य को ‘पूर्ण‘ घोषित करवा लिया ।

बारिश में ढह सकता है भवन, बच्चों की सुरक्षा खतरे में

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जिन स्कूल भवनों का निर्माण किया गया है वे इतने कमजोर हैं कि आगामी बरसात में उनके गिरने की पूरी आशंका है। इससे बच्चों की जान को भी गंभीर खतरा हो सकता है।

प्रभात क्रांति द्वारा इस विषय पर पूर्व में भी कई बार समाचार प्रकाशित कर शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया है, परंतु संबंधित अधिकारी और जनप्रतिनिधि अब तक मौन हैं। इससे स्पष्ट है कि यह योजना अब शिक्षा सुधार की बजाय ठेकेदारों और प्रभावशाली लोगों के लिए कमाई का जरिया बन गई है।

आवश्यक है तत्काल जांच और कार्रवाई

यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में इस प्रकार की लापरवाही हो रही है। आवश्यक है कि राज्य शासन इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराए, दोषी ठेकेदार और लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे, और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित किया जाए ।

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