वन अधिकार पट्टा धारकों का एग्रीटेक अपडेट न होने से धान खरीदी में बाधा — किसानों में बढ़ी भारी परेशानी


जगदलपुर (प्रभात क्रांति), छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी धान खरीदी योजना, जो किसानों के लिए एक बड़ी राहत मानी जाती है, इन दिनों वन अधिकार पट्टा (FRA) धारक किसानों के लिए समस्या बन गई है। सरकारी समितियों से ऋण लेने वाले कई किसान एग्रीटेक अपडेट न होने के कारण धान खरीदी के लिए पंजीयन नहीं करा पा रहे हैं, जिससे वे गंभीर संकट में हैं।
बस्तर जिले के बकावंड, जैबेल, मैनबेड़ा, जुनावनी तथा बीहड़ क्षेत्रों सहित कई गांवों के किसानों को वन अधिकार पट्टा वितरित किया गया है। इन पट्टों के आधार पर किसानों ने जिला सहकारी बैंक एवं अन्य बैंकों से कृषि ऋण भी लिया है।
लेकिन वन अधिकार पट्टा का एग्रीटेक अनुमोदन नहीं होने के चलते इन किसानों का धान खरीदी में पंजीयन नहीं हो पा रहा है। समय बीतने के साथ धान खरीदी की तारीख आगे बढ़ती जा रही है, जबकि किसानों की परेशानियाँ लगातार बढ़ती जा रही हैं।
किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने FRA पट्टों पर ही खेती की है, धान बोया है, मेहनत से फसल तैयार की है—परंतु एग्रीटेक न होने के कारण वे अपना धान बेच ही नहीं पा रहे हैं। इससे आर्थिक संकट गहरा रहा है, क्योंकि ऋण चुकाने के लिए धान विक्रय अनिवार्य है।
इसी संदर्भ में किसान कांग्रेस अध्यक्ष दयाराम कश्यप ने शासन से मांग की है कि “वन अधिकार पट्टा पर एग्रीटेक की बाध्यता को समाप्त किया जाए तथा FRA पट्टा धारकों को सीधे लेम्पस में धान विक्रय करने का अधिकार दिया जाए, ताकि वंचित किसानों को प्राथमिकता के साथ लाभ मिल सके।”




