छत्तीसगढ़

12 सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों का कलेक्ट्रेट घेराव, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, Msp पर खरीदी की कड़ी मांग…. देखें वीडियो

जगदलपुर (प्रभात क्रांति), बस्तर जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट परिसर में  बड़ी संख्या में किसान नेताओं और ग्रामीण किसानों ने एकत्र होकर अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। धरना एवं प्रदर्शन के दौरान किसानों ने साफ कहा कि मक्का और धान की खरीदी में भारी अन्याय हो रहा है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

किसानों ने बताया कि वे दो फसली खेती, मक्का और धान करते हैं, लेकिन मक्का का सरकारी समर्थन मूल्य (MSP) ₹2400/ क्विंटल होने के बावजूद बस्तर में व्यापारी और कोचिया मात्र ₹1700 में खरीद रहे हैं, जिससे किसानों को 700 रुपये प्रति क्विंटल का सीधा नुकसान हो रहा है। उनका कहना है कि राज्य सरकार को चाहिए कि MSP से कम कीमत पर मंडी या व्यापारी कोई भी खरीदी न करे, लेकिन शासन लगातार मौन है और किसानों की सुनवाई नहीं की जा रही।

किसानों की 12 सूत्रीय मांग – 

• मक्का का Msp लागू किया जाए ₹2400 क्विंटल से कम खरीद न हो, मंडी व व्यापारियों की कड़ी निगरानी।

• पंजीकृत किसानों को 60 वर्ष की आयु में पेंशन एवं ₹2 लाख बीमा राशि।

• KCC ऋणग्रस्त किसान की मृत्यु पर ऋण पूर्णतः माफ।

• खाद, बीज, कीटनाशक और कृषि उपकरण पर GST समाप्त।

• बोधघाट जल परियोजना निरस्त की जाए।

• वनोपजों की  MSP पर खरीदी सुनिश्चित।

• MSP पर अनियमितताओं पर कठोर कार्रवाई।

• नदी जल प्रबंधन में पारदर्शिता,

• इन्द्रावती डैम खोलने से पहले सूचना ।

• जर्जर सिंचाई संरचनाओं की मरम्मत।

• किसानों के नाम पर फर्जी ऋण की जांच।

• आदिवासी भूमि संरक्षण कानून का कड़ाई से पालन।

किसानों का कहना था कि देश को आजादी मिले 78 वर्ष हो गए, परंतु सबसे ज्यादा पीड़ित और उपेक्षित वर्ग किसान ही रहा है। अन्नदाता पूरी जिंदगी मेहनत करता है लेकिन अपने उत्पादन का उचित मूल्य पाने के लिए उसे सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती तो मना ली गई, लेकिन किसानों को सरकार द्वारा तय किया गया समर्थन मूल्य तक प्राप्त नहीं हो पा रहा, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

बस्तर के विभिन्न विकासखण्डों से आए सभी किसान नेताओं ने मांग की कि, तीन प्रमुख फसलों का MSP सही दर पर मिले, और सरकार उचित समर्थन मूल्य पर खरीदी सुनिश्चित करे। किसानों ने कहा कि धान की तुलना में मक्का का उत्पादन बस्तर में अधिक है, लेकिन सही कीमत न मिलने के कारण मजबूरन दलालों को बेचना पड़ता है, जिसका फायदा बिचौलिये उठाते हैं।

साथ ही किसानों ने खाद, बीज, कृषि उपकरण और कीटनाशकों पर लगे GST को समाप्त करने, बस्तर में नई फसलों का प्रदर्शन करने, और वनोपजों की उचित MSP पर खरीदी की मांग भी रखी।

इस दौरान सर्वआदिवासी समाज के अध्यक्ष राजाराम तोड़ेम और नेता कश्यप ने कहा कि किसानों की मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाया जाएगा, वहीं किसान कांग्रेस नेता दयाराम कश्यप भी किसानों के समर्थन में मौजूद रहे और कहा कि सरकारी अनियमितताओं की तत्काल जांच की आवश्यकता है तथा मांगों को जल्द पूरा किया जाना चाहिए।

देखें वीडियो – 

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