छत्तीसगढ़

सरकारी भवन निर्माण काम में लगा मजदूर दो मंजिल से गिरा, इलाज कराने के बजाय मुंशी ने मजदूर को घर छोड़ने के नाम पर बीच रास्ते में छोड़कर चलते बना…

बीजापुर(प्रभात क्रांति)। ज्ञातव्य हो कि राजेंद्र पामभोई पेट्रोल पंप से जैतालूर को जोड़ने वाली मार्ग के किनारे कन्या आश्रम के बाजू और नया चावल गोदाम के बीच सड़क किनारे में बन रहा सखी सेंटर भवन निर्माण में काम में लगा मजदूर मानसिंह मांझी पिता लच्छिदर मांझी ईटपाल निवासी उम्र 40 का अचानक पैर फिसलने से दो मंजिल ऊंची इमारत से निचे गिर गया था । यह घटना गुरुवार 23 अक्टूबर 2025 का है । बेहोश दर्द से तड़पता मजदूर को अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज में मदद करने के बजाय ठेकेदार सहदेव मोरला का मुंशी मानसिंह नाग दंतेवाड़ा निवासी मजदूर को घर छोड़ने के नाम पर परिवार में किसी सदस्य को हादसे के बारे में बगैर बताएं बीच रास्ते में छोड़कर चलते बना । यह हादसा नैतिक रुप से और कानूनी रुप से भी गंभीर मामला हैं । शुक्रवार 24 अक्टूबर 2025 को मानसिंह की पत्नी मानबति मांझी ने आनन-फानन में बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराई । यहां एक्स-रे जांच रिपोर्ट के अनुसार डाक्टर ने मजदूर के सीने में और सिर में अंदरुनी चोट लगने की बात परिजन को बताया । जब भी मानसिंह बाथरूम जाते है तो खून के जैसा लघुशंका करने की बात बताई ।

संभवतः किडनी में भी प्राॅब्लम होने का अंदेशा जताया जा रहा है । गंभीर स्थिति को देखते हुए डाक्टर ने बाहर इलाज कराने का सुझाव दिया पर आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार के पास पर्याप्त पैसा भी नहीं है । ऐसे मे मानसिंह को बाहर किसी निजी अस्पताल में उचित इलाज करा पायेंगे परिवार में संकट के बादल मंडरा रहे हैं । हादसे के बाद से परिवार में खाने-पीने के लिए लाले पड़ रहें हैं । परिवार में एक अकेला मजदूरी करके 06 लोगों का पालन-पोषण कर रहा था । उनके अलावा परिवार में दूसरा कोई कमाने वाला नहीं है । हैरान करने वाली बात है कि सात दिन तक अस्पताल में भर्ती‌ के दौरान ठेकेदार सहदेव मोरला एवं मुंशी मानसिंह नाग अस्पताल जाकर घायल मजदूर का हालचाल पूछना मुनासिब नहीं समझा और न ही किसी प्रकार का कोई मदद करने का जहमत उठाया ।

हालांकि सात दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दिया गया फिलहाल मानसिंह घर में दर्द से परेशान बिस्तर में पड़ा जड़ी-बूटी दवाई का सहरा ले रहा है । रोज कमाओं रोज खाओ मजदूर का कोई पूछ परख नहीं है । ऐसा प्रतीत हो रहा है हादसे के बारे में आवाज न उठाएं परिवार को एक हजार रुपया देकर ठेकेदार और मुंशी ने औपचारिकता निभाया । लेकिन हादसे के पड़ताल में ठेकेदार को फोन करके पूछने पर बताया छुट्टी के दिन आया था। लड़कियों से बातचीत करने के दौरान गिर गया जिसमें ठेकेदार और मुंशी का कोई गलती नहीं है । उधर मानसिंह की पत्नी मानबति मांझी ने ठेकेदार के बयान को सीधे खारिज करते हुए मीडिया को बताई है कि ठेकेदार खुद को बचाने झूठ बोल रहें हैं । जबकि 23 अक्टूबर 2025 को काम करने के दौरान दो मंजिल ऊंची इमारत से मानसिंह गिर गया है । आर्थिक सहयोग के लिए मुंशी को फोन करने से उल्टा मानसिंह के पत्नी से गाली-गलौज करने में उतर जाता है ।

थक-हारकर नाराज पत्नी ने हादसे के संदर्भ में पत्रकारों को बताने की बात कहने पर मुंशी ने कहा बताओं कौन पत्रकार हैं कितना बड़ा है देख लेंगे करके पीड़ित को छुप कराने का प्रयास किया गया । बावजूद पीड़ित पत्नी ने मीडिया को बुलाकर सिलसिलेवार बताई । इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि मजदूरी करके जीवनयापन करने वाले लोग हर किसी के लिए मज़ाक बनकर रहे गए हैं । इसका जीता-जागता उदाहरण हाल ही में डारापारा में एक पुलिस के घर में 14 वर्ष की चांदनी कुडियम फांसी के फंदे में लटकी मिली उदाहरण है । लेकिन दो मंजिल से गिरने के हादसे मे मजदूर का मौका-ए-वारदात में मौत भी हो जाता तो ठेकेदार और मुंशी दोनों के मिलीभगत में गोपनीय तरीके से रफा-दफा करने से इंकार नहीं किया जा सकता है । यह हादसा लापरवाही तथा ग़ैर ज़िम्मेदारी है बल्कि कानून के नजरों में दंडनीय हैं।

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