छत्तीसगढ़

पानी देने के नाम पर 13 लाख 45 हजार बहा दिया, मुरकीनार पंचायत में खुली भ्रष्टाचार की पोल, ग्रामीण बोले – पूर्व सरपंच और सचिव ने बना डाला कागजों में हैंडपंप, गांव में नहीं दिखा एक भी काम, पैसा गया कहां?

बीजापुर(प्रभात क्रांति)।  शासन-प्रशासन जहां सुदूर इलाकों तक विकास को लेकर गंभीर है, वहीं बीजापुर जिले की जनपद पंचायत उसूर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुरकीनार में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खुलकर सामने आया है।

गांव के लोगों ने आरोप लगाया है कि पंचायत के खाते से 13 लाख 45 हजार रुपये हैंडपंप निर्माण, बोर खनन और हैंडपंप मरम्मत जैसे कार्यों के नाम पर खर्च दिखाए गए, लेकिन जमीनी हकीकत पूरी तरह अलग है।

कागजों में विकास, जमीन पर सन्नाटा

ग्रामीणों ने बताया कि न तो कोई नया हैंडपंप लगा है और न किसी की मरम्मत हुई। इसके बावजूद पूर्व सरपंच नागेश अगनपल्ली और सचिव अम्बेलिका ठाकुर ने 15वें वित्त मद की राशि का आहरण कर पूरा पैसा हजम कर लिया।

ग्रामीणों ने बताया कि ऑनलाइन में हैंडपंपों के खनन और मरम्मत का पूरा ब्यौरा मौजूद है, बिल तैयार हुए, वेंडरों को भुगतान भी कर दिया गया लेकिन जब गांवों में जाकर जांच की गई तो कहीं कोई काम नजर नहीं आया।

ग्राम पंचायत मुरकीनार के अंतर्गत पांच गांव आते हैं, जहां ग्रामीणों ने खुद पड़ताल की। उन्होंने पाया कि सभी काम सिर्फ कागजों में पूरे दिखाए गए हैं। ग्राम सभा में जब ग्रामीणों ने सचिव से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि “मुझे अभी तो याद नहीं, रजिस्टर देखकर बताऊंगी।”

19 बार ट्रांजेक्शन, फिर भी काम गायब – जवाब कौन देगा?

जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2022 से अक्टूबर 2024 के बीच लगभग 19 से 20 बार वेंडर आकाश चवड़ा, एम. ड्रिलर्स, के.के.एस. कंस्ट्रक्शन और भवानी वेल्डिंग के खातों में लाखों रुपये ट्रांसफर किए गए।

ऑनलाइन रिकॉर्ड में भुगतान साफ-साफ दिखाई दे रहा है, लेकिन कहां खर्च हुआ इसका कोई प्रमाण नहीं है। अब ग्रामीण पूछ रहे हैं अगर पैसा खर्च हुआ तो काम कहां गया? क्या पंचायत की योजनाएं अब सिर्फ फाइलों तक सीमित रह गई हैं?

इस संबंध में जनपद पंचायत उसूर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभाकर कुमार चन्द्राकर ने बयान देने से मना करते हुए कहा कि आपके पास जो जानकारी है उसे दिजिए जांच कराकर बयान‌ दूंगा।

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच करते हुए दोषी पाए जाने पर पूर्व सरपंच और सचिव से राशि की वसूली कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत का पैसा गांव के विकास के लिए था अगर उस धन का दुरुपयोग हुआ है, तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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