छत्तीसगढ़

रेशम कीटपालन से महिला समूहों को नई पहचान — 45 दिन में 72 हज़ार की आमदनी…

दंतेवाड़ा(प्रभात क्रांति), जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में रेशम विभाग में शासन के विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वन हेतु विभागों द्वारा योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाया जाता रहा है, इस प्रक्रिया में जिले में रेशम विभाग द्वारा भी विभागीय योजनाओं के माध्यम से लोगों को लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है ।

इसके तहत विभाग की कही मुख्य योजनाएं तसर रेशम कीट पालन तथा मलबरी रेशम कीटपालन का लाभ हितग्राही प्राप्त कर रहे हैं। कीट पालन कार्य में हितग्राहियों के समूह को समूह को विभाग द्वारा रेशम कीटों के स्वस्थ अंडे प्रदाय किए जाते हैं।

अंडे प्राप्त कर हितग्राही हैचिंग से लेकर कोसा फल निर्माण तक रेशम कीटों की देखभाल करते हैं, कोसा उत्पादन पश्चात वे कोसा का विक्रय कर अधिक आमदनी प्राप्त करते हैं योजनाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए विभाग द्वारा जिले में विभिन्न रेशम कीटपालन स्व: सहायता समूह गठित किए गए हैं, जिले में स्थित शास. रेशम केंद्र चीतालंका में महिला रेशम कीटपालन समूह के सदस्यों द्वारा मलबरी रेशम कीटपालन कार्य किया जा रहा है तथा तसर कोसा कीटपालकों द्वारा 1300 स्वास्थ्य समूह के अंडो का कीट पालन किया गया ।

45 दिन की अवधि में कृषकों ने 45000 नग डाबा कोसा उत्पादन किया गया जिनका विक्रय कर उन्हें 72300/रू. की आर्थिक आमदनी प्राप्त हुई, हितग्राही प्रथम फसल से हुई आमदनी से प्रसन्न हैं तथा इस वित्तीय वर्ष दूसरे एवं तीसरी फसल में कीट पालन को लेकर भी उत्साहित हैं।

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