छत्तीसगढ़

बस्तर की लाइफलाइन इंद्रावती पुल खतरे में — जर्जर हालत, प्रशासन और नेताओं की अनदेखी से बढ़ा जोखिम….

जगदलपुर (प्रभात क्रांति)। बस्तर जिले की पहचान और संभाग मुख्यालय की जीवनरेखा कहे जाने वाले इंद्रावती पुल की हालत दिनोंदिन जर्जर होती जा रही है। मध्यप्रदेश शासनकाल के दौरान वर्ष 1985 में राज्यपाल द्वारा उद्घाटित यह पुल अब भारी वाहनों के अत्यधिक दबाव और लगातार उपेक्षा के कारण दुर्घटना को दावत दे रहा है।

पुल की क्षमता से अधिक भार, हर दिन खतरे का सफर

यह पुल बस्तर को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है, जिस पर रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। भारी ट्रकों और यातायात के दबाव के कारण पुल की संरचना पर असर पड़ा है। पिछले 5 वर्षों से इसकी हालत लगातार बिगड़ रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग लाखों-करोड़ों के टेंडर जारी कर मरम्मत तो कराता है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रहती है।

नया ओवरब्रिज निर्माण अधूरा, इंद्रावती पुल पर बढ़ा बोझ

केंद्र और राज्य सरकार ने पुराने पुल के पास ओवरब्रिज निर्माण की सराहनीय पहल की है। लेकिन, निर्माण की रफ्तार बेहद धीमी है। समय पर काम पूरा न होने से अभी भी समस्त ट्रैफिक इंद्रावती पुल से ही गुजर रहा है, जिससे इसका जीवनकाल घटता जा रहा है।

जिम्मेदार विभाग की चुप्पी, खतरे का साया

जगदलपुर एसडीएम रिषिकेश तिवारी से “प्रभात क्रांति” के चर्चा में इन्द्रावती पुल की स्थिति को बताया पुल की स्थिति से अवगत कराने पर उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी से इस संबंध में चर्चा कर तुरंत कार्यवाही करने की बात कही ।

बरसात के मौसम में पुल की दरारें और गड्ढे और ज्यादा गहराते जा रहे हैं। यदि समय रहते बड़े स्तर पर मरम्मत और वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई, तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button