छत्तीसगढ़

टोकन नहीं कटने से धान खरीदी की रफ्तार धीमी, सरकार की रुचि कम दिखाई दे रही — दयाराम कश्यप का आरोप

जगदलपुर (प्रभात क्रांति) । बस्तर जिले में धान खरीदी शुरू हुए कई दिन बीत गए हैं, लेकिन अब तक खरीदी की गति बेहद धीमी है। सरकार विकास की बड़ी–बड़ी बातें तो कर रही है, परंतु सहकारिता लेम्पस विभाग में सरकार की रुचि और गंभीरता कम दिखाई दे रही है जिससे टोकन नहीं कट पा रहा है।

किसानों के मुताबिक, धान खरीदी केंद्रों में टोकन की भारी कमी है और खरीदी की रफ्तार अपेक्षा से बहुत कम है, जिसके कारण हजारों किसान परेशान हैं।

स्थिति यह है कि जहां किसी केंद्र में लगभग 2700 किसान पंजीकृत हैं, वहाँ प्रतिदिन केवल 400–500 क्विंटल धान खरीदा जा रहा है। लेम्पस कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर खुद कह रहे हैं कि ऊपर से 350–400 क्विंटल प्रतिदिन का छोटा टारगेट दिया गया है। किसानों का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार अब धान खरीदी को लक्ष्य आधारित (टारगेट सिस्टम) पर चला रही है, जिससे वास्तविक खरीदी प्रभावित हो रही है।

कई केंद्रों में स्थिति और भी खराब है—जहाँ हर केंद्र में लगभग 2000 किसान दर्ज हैं, वहाँ दिनभर में सिर्फ 5–6 किसानों का ही टोकन कट रहा है।

टोकन की इस कमी ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। अधिकतर किसान पहले से ही धान की मिडाई कर अपने घरों में धान तैयार रखे हुए हैं, पर टोकन न मिल पाने के कारण खरीदी की प्रक्रिया तेज नहीं हो पा रही है।

इस बीच नगरनार मंडल के कांग्रेस अध्यक्ष एवं जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष दयाराम कश्यप लगातार खरीदी केंद्रों का दौरा कर रहे हैं और किसानों की समस्याओं का प्रत्यक्ष निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने हल्बा कचौरा, बिरसागुड़ा सहित कई केंद्रों में जाकर किसानों, प्रभारी अधिकारियों और कर्मचारियों से चर्चा की।

कश्यप ने बताया कि यदि कहीं भी 40 किलो 700 ग्राम से अधिक धान की अनियमित खरीदी पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने प्रभारी अधिकारियों को तुरंत जांच व कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए हैं।

दयाराम कश्यप ने आगे कहा कि धान खरीदी केंद्रों पर किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। खरीदी में पारदर्शिता, समय पर भुगतान, और मूल्य अंतर राशि का त्वरित भुगतान आवश्यक है, ताकि किसान आर्थिक तनाव से मुक्त रह सकें।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिले के सभी खरीदी केंद्रों में किसान कांग्रेस और भारतीय किसान समिति सक्रिय रूप से किसानों की सेवा और सहायता के लिए सदैव तत्पर है।

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