सुरूज सम्मान समारोह 2025: बस्तर की कला, संस्कृति और समाजसेवा को सलाम, — जगदलपुर में भव्य आयोजन, 21 विभूतियों को किया गया सम्मानित

जगदलपुर(प्रभात क्रांति), बस्तर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सभागार में बुधवार की शाम एक विशेष गरिमा और सांस्कृतिक उल्लास के साथ ‘सूरूज सम्मान समारोह 2025’ का आयोजन किया गया। यह सम्मान समारोह स्व. सुरूज बाई खांडे की जयंती पर हर वर्ष मनाया जाता है, जो छत्तीसगढ़ की प्रथम अंतरराष्ट्रीय भरथरी गायिका थीं। सुरूज बाई ने अपनी लोक गायन की प्रतिभा से न केवल छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया, बल्कि भरथरी परंपरा को वैश्विक पहचान दिलाई।
सूरूज ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस तीसरे वार्षिक समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 21 विभूतियों को ‘सूरूज सम्मान’ से नवाजा गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बस्तर की लोक संस्कृति, साहित्य, समाज सेवा, महिला सशक्तिकरण, चित्रकला, पर्यटन और लोक संगीत को प्रोत्साहित करना था।
🏅 सम्मानित व्यक्तित्व:
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पत्रकारिता: श्री विकास तिवारी, गायत्री आचार्य
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साहित्य: श्रीमती खुदैजा खान, श्री विक्रम सोनी
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समाज सेवा: श्री प्रकाश ठक्कर
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महिला आर्थिक उन्नयन: रजिया शेख
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अभिनय: मोहन सोनी, खुशबू सोढ़ी
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लोक गायन: शिव कुमार नाग, पिलादास कोर्राम
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वादन: जयप्रकाश
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पर्यटन: उर्मिला नाग, मानसिंह भघेल
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सोशल मीडिया: कविता कश्यप, अस्तु नाग
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चित्रकला: सुरभि वर्मा, जगदीश तिवारी
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सांस्कृतिक ग्रुप: चित्र विचित्र ग्रुप, मोहरी वाले ग्रुप
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सुरक्षा बल सम्मान: सैनिक करन राय
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मंच संचालन: अफज़ल अली
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घड़वा शिल्प: महेश सागर, उर्मिला सागर
🎭 सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ:
समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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हिमानी वासनिक (राजनांदगांव) ने भरथरी गायन से कार्यक्रम की शुरुआत की।
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शिव कुमार नाग द्वारा प्रस्तुत बस्तर वंदना गीत ने माहौल को भावपूर्ण बनाया।
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मोहरी वाले ग्रुप ने दंतेश्वरी पाड़ की जीवंत प्रस्तुति दी।
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खेमदास वैष्णव और सुभाष पांडे की बस्तर लोक चित्र प्रदर्शनी ने पारंपरिक कला को नया आयाम दिया।