छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एनएमडीसी भर्ती प्रक्रिया में बस्तरवासियों को प्राथमिकता देने की मांग की….
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जगदलपुर(प्रभात क्रांति), छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर निवेदन किया हैं कि एनएमडीसी द्वारा आरक्षण रोस्टर का पालन किये बगैर विभिन्न पदों के लिए जारी किये गए विज्ञापन को निरस्त करके संशोधित विज्ञापन जारी कर संबंधित भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण सहित बस्तरवासियों को प्राथमिकता दी जाए।
उन्होंनेे पत्र के माध्यम से निवेदन किया हैं कि केन्द्रीय इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन आने वाली कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड ने अपने नगरनार स्थित इस्पात संयंत्र के सिन्टर प्लांट, कोक ऑवन, ब्लास्ट फर्नेंस, बाय प्रोडेक्ट प्लांट, ऑक्सीजन प्लांट समेत संयंत्र के अनेक क्षेत्र संचालन के लिए जनरल मैनेजर, डिप्टी जनरल मैनेजर समेत विभिन्न 45 पदों के लिए 11 जनवरी 2024 को नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन आमंत्रित किये गए हैं और इन सभी पदों के लिए बी.टेक डिग्री होल्डर न्यूनतम योग्यता रखी गई है।
एनएमडीसी में कार्य करने का पहला हक हमारे आदिवासी भाई-बहनों का है। और एनएमडीसी द्वारा रिक्त पदों के लिए मांगी गई योग्यता से कहीं ज्यादा बस्तर के युवा साथी योग्यशील हैं। किन्तु रोजगार के अभाव में बी.टेक व एम.टेक की डिग्री हासिल करने के उपरांत भी यहॉ के युवा स्थायी रोजगार की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में एनएमडीसी नगरनार इस्पात संयंत्र में स्थानीय स्तर पर रिक्त पदों को भरने की जगह ऑल इंडिया लेवल पर देश के विभिन्न राज्यों से आवेदन आमंत्रित कर रही है। जो कि सीधे तौर पर बस्तर के स्थानीय बेरोजगारों की उपेक्षा को दर्शा रहा है। जिससे स्थानीय लोगों में एनएमडीसी के प्रति रोष व्याप्त है। एवं स्थानीय लोगों को रोजगार देने की अनुबंध नीति का भी लगातार एनएमडीसी उल्लंघन कर रही है। इसके अलावा ऐसी भी सूचना प्राप्त हुई है कि, कई वर्षों से एनएमडीसी के उच्च पदों पर आसीन अधिकारी इन पदों पर अपने परिचितों की नियुक्तियां कराने की फिराक में हैं और इससे पूर्व भी इस इस्पात संयंत्र के लिए जितनी भी भर्तियां हुई हैं उनमें भी शत्-प्रतिशत एनएमडीसी के अधिकारियों ने भाई-भतीजावाद के तहत् देश के अन्य राज्यों से लोगों को लाकर उनकी नियुक्तियां कर दी गई हैं। एवं बस्तर संभाग आदिवासी बाहुल क्षेत्र होने के कारण यहाँ के लोगों के मूलभूत अधिकारों को सुरक्षित व संरक्षित रखने के लिए शासन के द्वारा पांचवी अनुसूची लागू की गई। इसके तहत ही आरक्षण रोस्टर का पालन करने संबंधित नियम लागू किये गए है किंतु एनएमडीसी द्वारा जारी किए गए विज्ञापन में विभिन्न पदों के लिए कहीं भी आरक्षण रोस्टर का पालन ही नहीं किया गया है। जो कि, पांचवी अनुसूचित क्षेत्र के नियमों का खुला उल्लंघन भी है।
सबसे बड़ी विडंबना है कि, एनएमडीसी बस्तर की अमूल्य सम्पत्ति का दोहन करती है परंतु बस्तर के लोगों को ही रोजगार से वंचित रखती है और हमेशा यहॉ के आदिवासियों को छलने का काम करती है। हमारा आपसे केवल इतना ही निवेदन है कि, हाल ही में एनएमडीसी ने विभिन्न पदों के लिए जारी किये गए विज्ञापन में जिसमें बस्तर के लोगों किसी भी प्रकार की प्राथमिकता नहीं दी गई है उसे निरस्त करके उसके स्थान पर पुनः विज्ञापन जारी कर विभिन्न पदों की भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर के नियमों का पालन करने सहित बस्तर संभाग के स्थानीयों को प्राथमिकता मिलने की मांग की है ।