छत्तीसगढ़

विश्व आदिवासी दिवस पर भैरमगढ़ में सर्व आदिवासी समाज ने सौंपा ज्ञापन, पारंपरिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ जुटे हजारों आदिवासी, निकाली गई विशाल रैली…. देखें वीडियो 

बीजापुर (प्रभात क्रांति)। बीजापुर जिले के भैरमगढ़ मुख्यालय में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम पर आदिवासी समुदाय ने अपनी परंपराओं, अधिकारों और विकास को सुनिश्चित करने तथा जल, जंगल, जमीन के रक्षा का संकल्प लिया।

09 अगस्त को भैरमगढ़ में सर्व आदिवासी समाज ने बाजार स्थल पर आम सभा कर अपनी परंपराओं, अधिकारों और विकास के मुद्दों पर चर्चा की। सभा को बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, जग्गूराम तेलामी, सीताराम मांझी सहित अन्य पदाधिकारियों ने संबोधित किया। आम सभा के बाद विभिन्न मांगों को लेकर विशाल रैली निकाल कर राष्ट्रपति, राज्यपाल और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम एसडीएम भैरमगढ़ को सौंपा गया। ज्ञापन में आदिवासियों के स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों से जुड़े 21 बिंदुओं पर मांग पत्र सौंपा गया।

समाज प्रमुखों ने बताया कि पेसा कानून और पाँचवी अनुसूची के पूर्ण कार्यान्वयन सहित बीजापुर जैसे पाँचवी अनुसूची क्षेत्र में ग्राम सभा की अनुमति के बिना कोई भी औद्योगिक परियोजना शुरू नहीं होनी चाहिए।गोंडी (कोया) बोली को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया जाए। इसे कक्षा 1 से 12 तक के पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाए। बंद किए गए स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षादूतों को फिर से बहाल किया जाए।

रोजगार और आर्थिक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। आदिवासियों ने अपनी वार्षिक आय सीमा को 2.50 लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों के जरिए सरकारी नौकरी कर रहे गैर-आदिवासियों को सेवा से हटाने और उन पर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग भी की है। बस्तर संभाग में सरकारी भर्तियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने पर भी जोर दिया गया है।

समाज प्रमुखों ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भैरमगढ़ और नेलसनार के स्वास्थ्य केंद्रों को 100 बिस्तरों वाले सिविल अस्पताल का दर्जा देने की मांग की गई है। भूमि से जुड़े मामलों को भी उठाया गया, जिसमें गैर-आदिवासियों द्वारा धोखाधड़ी से खरीदी गई जमीनों को वापस दिलाने की मांग शामिल है। इसके साथ ही, फर्जी मुठभेड़ों के झूठे मामलों में जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को बिना शर्त रिहा करने की भी मांग की गई है।

ज्ञापन में भैरमगढ़ के उसपरी में साप्ताहिक बाजार को फिर से शुरू करने और अन्य राज्यों से रोजगार के नाम पर जिले में आकर बस रहे लोगों पर रोक लगाने की भी मांग की गई है।

इस दौरान दशमन मांझी, सुखदास कुरुद, मनधर नाग, मनबोत कुपाल, रतन कश्यप, भावसिंग भास्कर, सीएस नेताम, लक्ष्मण हपका, शिव पुनेम, विजय ओयाम, सकनी चन्द्रैया, लच्छू मौर्य, लक्ष्मण जुर्री, मोती मंडावी, आरएस नेताम, रानु शोरी, विनिता बघेल, सुहागा तारम, पार्वती कश्यप, पार्वती तेलम, पार्वती उरषा, बुधराम उरषा,सोनारु पोयम,आदेश जुर्री, सुखराम कोवासी, राजेन्द्र गावडे, सहादेव बारसा, दशमत पोडियाम सहित अन्य सामाजिक पदाधिकारी मौजूद थे।

देखें वीडियो –

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