छत्तीसगढ़

आठ सूत्रीय मांगों को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने सीएम विष्णुदेव साय के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिले की शैक्षणिक समस्याओं को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन संपन्न

बीजापुर(प्रभात क्रांति)। संभागीय इकाई के निर्देशन पर सर्व आदिवासी समाज जिला बीजापुर के अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी के नेतृत्व में बुधवार को सांस्कृतिक मैदान में जिले की शैक्षणिक समस्याओं को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय के नाम कलेक्टर को आठ सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।

जग्गूराम तेलामी ने बताया कि सौंपे गए ज्ञापन में बस्तर संभाग में युक्तियुक्त करण के तहत बंद किए जा रहे प्राथमिक स्कूलों को बंद न करते हुए यु-डाइस कोड सहित पुनः यथावत संचालित किए जाने। पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के पदों पर स्थानीय भर्ती हेतु जनजाति – सलाहकार परिषद के द्वारा निर्णय करते हुए विधिक रूप से अनुसूचित क्षेत्र सेवा भर्ती नियम विधान सभा में पारित करते हुए प्रारम्भ किए जाने की मांग की है।

आदिवासी समाज ने अपनी मागों में कहा कि बस्तर संभाग के समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में मातृभाषा (गोंडी, हल्बी, धुरवी, भतरी, दोरला) में शिक्षा प्रदान किया जाए एवं इसके लिए गोंडी, हल्बी, धुरवी, भतरी, दोरला भाषी शिक्षकों की भर्ती किया जाए। प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में 2008 की सेटअप का ही पालन किया जाए या शिक्षकों को अध्यापन के अतिरिक्त किसी भी तरह का कार्य न लिया जाए। सुकमा, दंतेवाडा नारायणपुर एवं बीजापुर में संचालित पोटाकेबिन (केंद्रीय सरकार द्वारा संचालित) में अतिशेष हो रहे शिक्षक / व्याख्याताओ को विषय एवं बच्चों के दर्ज संख्या अनुसार पदस्थ किया जाए। बस्तर संभाग में शिक्षा विभाग में शिक्षा की गुणवत्ता एवं उससे संबंधित रिपोर्ट, आंकलन हेतु गैर सरकारी संगठन से कार्य करवाया जा रहा है इनके द्वारा वास्तविकता से परे रिपोर्ट बना कर गुमराह किया जा रहा है अत्एवं सभी एनजीओ से कार्य लेना तत्काल बंद किया जाए। वरिष्ठ शिक्षकों को तत्काल पदोन्नत किया जाए एवं माननीय सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश 01/05/2023 एवं 24/02/2025 के अनुसार पदोन्नति प्रदान किया जाए। बस्तर संभाग आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में डीएड, बीएड महाविद्यालय की कमी है जिसके कारण शिक्षक भर्ती में बस्तर संभाग के अभ्यर्थी नहीं मिल पाते है। जिसके कारण बस्तर संभाग के बाहर के अभ्यर्थी यहां शिक्षक के रूप में पदस्थ होते है और परिवीक्षा अवधि पूर्ण होते ही राजनैतिक पहुंच से सामान्य क्षेत्र में तबादला करवा लेते है। जिसके कारण बस्तर संभाग में शिक्षकों की कमी रहती है। अतएव स्थाई समाधान हेतु संभाग के सभी जिलों में डीएड, बीएड महाविद्यालय तत्काल स्थापित किया जाए।

आदिवासी समाज नेता जग्गूराम तेलामी ने बताया कि उक्त मांगों का निराकरण समय पर नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में सर्व आदिवासी समाज इन विषयों को लेकर प्रत्येक गांव, विकासखंड में जन जागरूकता का अभियान के साथ ही जन आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

धरना प्रदर्शन के दौरान अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ के जिला अध्यक्ष जगबंधु मांझी, मुरिया समाज के जिला अध्यक्ष कुंवर सिंह मज्जी, गोंडवाना समाज समन्वय समिति के अध्यक्ष कामेश्वर दूब्बा, कमलेश पैंकरा, सीताराम मांझी, पाण्डुराम तेलाम, श्रवण सैंड्रा, पाकलु तेलाम, सतीश मंडावी रानू सोरी, शिक्षा दूत संघ के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में समाज के प्रतिनिधि शामिल रहे।

 

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