दंतेवाड़ा में हैदराबाद की शराब की कालाबाजारी: आबकारी विभाग की लापरवाही उजागर..

दंतेवाड़ा(प्रभात क्रांति), छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल में हैदराबाद से तस्करी कर लाई गई शराब की कालाबाजारी जोरों पर है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, हैदराबाद से बसों के जरिए बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी की जा रही है, जिसे किरंदुल के शराब तस्कर मूल कीमत से 200 से 300 रुपये अधिक वसूलकर बेच रहे हैं। इस अवैध कारोबार की भनक जिला आबकारी विभाग को भी है, लेकिन कार्रवाई के अभाव में तस्करी का यह धंधा बेरोकटोक फल-फूल रहा है।
हैदराबाद से 2 लीटर शराब की बढ़ी मांग
जानकारी के मुताबिक, किरंदुल में 2 लीटर की शराब की बोतलों और बियर की मांग सबसे ज्यादा है। हैदराबाद में विभिन्न ब्रांडों की 2 लीटर शराब 1800 से 2300 रुपये के बीच उपलब्ध है, जबकि किरंदुल की सरकारी शराब दुकानों में ऐसी बड़ी बोतलें उपलब्ध नहीं हैं। इसका फायदा उठाते हुए तस्कर इन बोतलों को किरंदुल में 200 से 300 रुपये अधिक कीमत पर बेच रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि बसों के जरिए शराब की खेप किरंदुल पहुंचाई जाती है, जहां स्थानीय तस्कर इसे बाजार में खपा रहे हैं।
आबकारी विभाग की कार्यशैली पर सवाल
इस पूरे मामले में जिला आबकारी विभाग की भूमिका संदेह के घेरे में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सरकारी शराब दुकानों से शराब की आपूर्ति व्यवस्थित तरीके से हो, तो तस्करी की नौबत ही न आए। एक स्थानीय शराब कोचिया ने नाम न छापने की शर्त पर खुलासा किया कि सरकारी शराब दुकानों के कर्मचारी कोचियों से 20 से 50 रुपये अतिरिक्त वसूलकर शराब उपलब्ध कराते हैं। कोचिया ने बताया, “हमें जितनी शराब चाहिए, उतनी अतिरिक्त पैसे देकर मिल जाती है। लेकिन पिछले 4-5 दिनों से सरकारी दुकानों से शराब मिलना बंद हो गया है, जिसके चलते लोग अब तस्करों की शरण में जा रहे हैं।”
सरकारी शराब दुकानों पर बंदी का असर
पिछले कुछ दिनों से किरंदुल की सरकारी शराब दुकानों से कोचियों को शराब की आपूर्ति बंद होने की खबर है। इससे शराब प्रेमियों का रुझान सरकारी दुकानों की ओर बढ़ा है, लेकिन वहां भी स्टॉक की कमी के चलते उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं। नतीजतन, तस्करों का अवैध कारोबार और तेजी से बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आबकारी विभाग की लापरवाही और निगरानी की कमी के चलते यह समस्या गंभीर होती जा रही है।
स्थानीय प्रशासन से कार्रवाई की मांग
किरंदुल के निवासियों ने जिला प्रशासन और आबकारी विभाग से इस अवैध शराब तस्करी पर तत्काल अंकुश लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि तस्करी के इस धंधे से न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि स्थानीय युवाओं में शराब की लत भी बढ़ रही है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “अगर आबकारी विभाग सख्ती से कार्रवाई करे और सरकारी दुकानों में शराब की उपलब्धता सुनिश्चित करे, तो तस्करों का धंधा अपने आप ठप हो जाएगा।”
दंतेवाड़ा जिले में हो रही इस कालाबाजारी ने आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन और आबकारी विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है। जनता की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या इस अवैध शराब तस्करी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होगी, या यह धंधा यूं ही बेरोकटोक चलता रहेगा।