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अम्बेडकर जयंती : भव्य आयोजन की तैयारी अंतिम चरण में, शाम 5:00 बजे भव्य शोभा यात्रा और रैली का होगा आयोजन…

बीजापुर(प्रभात क्रांति)। जैसे-जैसे 14 अप्रैल नज़दीक आ रहा है, अम्बेडकर जयंती को मनाने के लिए शहर में उत्साह और तैयारियों का माहौल बढ़ता जा रहा है। इस वर्ष, सर्व समाज के नेतृत्व में आयोजित होने वाला यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम भीषण गर्मी की एक नई चुनौती लेकर आया है। हालांकि, तपती धूप भी ‘बाबा साहब’ डॉ भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों के अटूट विश्वास और श्रद्धा को कम नहीं कर पाई है।

आयोजन समिति ने लोगों की सुविधा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम के समय में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। मुख्य कार्यक्रम, जिसमें आमसभा शामिल है, अब दोपहर 3:00 बजे शुरू होगा और शाम 5:00 बजे तक चलेगा। इस दौरान, वक्ताओं द्वारा बाबा साहब के जीवन, विचारों और समाज में उनके योगदान पर प्रकाश डाला जाएगा।

शाम 5:00 बजे, एक भव्य शोभा यात्रा और रैली का आयोजन किया जाएगा, जो इस दिन का मुख्य आकर्षण होगी। यह यात्रा बाबा साहब की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ पूरे सम्मान के साथ शुरू होगी। सजे हुए वाहनों और पारंपरिक वेशभूषा में सजे लोगों का यह जुलूस शहर के मुख्य मार्गों से गुज़रेगा, जिसमें कलेक्ट्रेट चौक भी शामिल है। इसके बाद, रैली नेशनल हाईवे से होते हुए वापस नए बस स्टैंड पर पहुंचेगी, जहाँ इस गरिमामय कार्यक्रम का समापन होगा।

भीषण गर्मी को देखते हुए, आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। पूरे शोभा यात्रा मार्ग पर और सभा स्थल के आसपास नियमित अंतराल पर शीतल पेयजल के स्टॉल लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, स्वयंसेवकों की एक बड़ी टीम को तैनात किया गया है, जो लोगों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेंगे।

सर्व समाज के डॉ अंबेडकर जयंती आयोजन समिति के अध्यक्ष, रैमनदास झाड़ी ने तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा, “हम जानते हैं कि इस बार गर्मी अधिक है, लेकिन ‘बाबा साहब’ के प्रति लोगों की आस्था और प्रेम इस चुनौती से कहीं बड़ा है। हमने सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं ताकि हर कोई सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से इस महत्वपूर्ण दिन का हिस्सा बन सके।” उन्होंने आगे कहा कि यह जयंती न केवल एक रस्म है, बल्कि यह हमें बाबा साहब के विचारों को याद करने और उन्हें अपने जीवन में उतारने का अवसर भी प्रदान करती है।

इस वर्ष की अम्बेडकर जयंती न केवल एक सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन है, बल्कि यह ‘बाबा साहब’ के सिद्धांतों – समानता, न्याय और बंधुत्व – के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है। शहरवासी बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं, और आयोजकों को उम्मीद है कि यह जयंती प्रेरणा और एकता का एक यादगार अवसर साबित होगी।

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