छत्तीसगढ़

कृषि में लाभकारी सूक्ष्मजीवों की महत्ता पर दिया गया प्रशिक्षण

जगदलपुर(प्रभात क्रांति), कृषि विज्ञान केंद्र, बस्तर में जनजातीय उप-योजना अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो मऊ (उ.प्र.) के सौजन्य से एक दिवसीय कृषक गोष्ठी सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमति धनी मौर्य, सरपंच ग्राम पंचायत- छापरभानपुरी ने कृषकों को वैज्ञानिकों से कृषि संबंधी सलाह लेने के लिए प्रेरित किया । कृषि महाविद्यालय जगदलपुर के प्रभारी अधिष्ठाता डॉ. हेमंत पात्र ने कृषकों को बस्तर के परीपेक्ष में एवं दैनिक जीवन में लाभकारी सूक्ष्मजीवों के महत्व के बारे में कृषकों को बताया। कृषि विज्ञान केंद्र, बस्तर के प्रमुख डॉ. संतोष नाग ने बताया कि वर्तमान समय में फसलों में रासायनिक उर्वरकों एवं पेस्टिसाइड का उपयोग कम करने में लाभकारी सूक्ष्मजीव बहुत ही उपयोगी है, सुक्ष्मजीवों की सहायता से मृदा की गुणवत्ता में भी सुधार किया जा सकता है।

प्रशिक्षण के तकनीकी सत्र में राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो के वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद साहू ने सुक्ष्मजीवों से संबन्धित अपने केंद्र में चल रहे कृषकों के लिए लाभकारी गतिविधियों के बारे में बताया साथ ही सुक्ष्मजीवों का मृदा पर प्रभाव, पौधो के संरक्षण में उनकी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो के अधिकारी श्री रजनीश कुमार मीना ने प्राकृतिक खेती में सुक्ष्मजीवों का उपयोग करने के लिए कृषकों को सुझाव दिया।

कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र, बस्तर के वैज्ञानिक धर्मपाल केरकेटटा, डॉ राहुल साहू, इंजी. कमल ध्रुव, डॉ विजय कश्यप, श्री दिनेश ध्रुव सहित बस्तर जिले अंतर्गत ग्राम छापर भानपुरी, बड़ेचकवा, टाकरागुड़ा, टीकरालोहंगा, नदीसागर, टलनार, नगरनार, बेलगांव, पाइकपाल से 200 पुरुष एवं महिला कृषक सम्मिलित हुये। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों ने 100 हितग्राही कृषको को सिंचाई हेतु 100 प्लास्टिक का लपेटा पाइप एवं 80 महिला कृषकों को तारपोलीन शीट वितरीत किया।

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