मुरकीनार में डबल चोरी का खेल, पहले विकास का पैसा हजम, अब फेंसिंग तार और सोलर सिस्टम की बैटरियों पर हाथ साफ, हैंडपंप और पौधों के बाद अब सोलर बैटरियों संग फेंसिंग तार हुआ लापता, ग्रामीण कर रहे विकास की तलाश में इश्तिहार देने की तैयारी


बीजापुर( प्रभात क्रांति), जहां एक ओर प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा खुद सुदूर इलाकों तक पहुंचकर सड़क और सामुदायिक भवनों जैसे विकास कार्यों की नींव रख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बीजापुर के ग्राम पंचायत मुरकीनार में विकास योजनाओं का पैसा और सामान दोनों ही रहस्यमय ढंग से गायब हो रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में विकास कार्यों का नाम लेकर जो पैसा आया, वह जमीन तक पहुंचने से पहले ही गायब हो गया। पंचायत में अब डबल चोरी की चर्चा है। पहली चोरी कागजों में विकास की और दूसरी जमीन पर सरकारी संपत्तियों की।
पहली चोरी – विकास का पैसा हजम
ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व सरपंच नागेश अंगनपल्ली और सचिव अम्बेलिका ठाकुर ने पंचायत खाते से 13 लाख 45 हजार रुपये हैंडपंप निर्माण, बोर खनन और मरम्मत कार्य के नाम पर निकाल लिए। लेकिन पूरे पंचायत क्षेत्र में न तो कोई नया हैंडपंप लगा और न ही पुराने ठीक हुए। कागजों में बिल बने, वेंडरों को भुगतान हुआ, लेकिन गांव वालों को कार्य नजर नहीं आया।
इतना ही नहीं, बत्तीसा बहना मातागुड़ी में वृक्षारोपण के लिए 1,10,000 रुपये की स्वीकृति दी गई थी। फाइलों में कार्य 19 सितंबर 2024 से 12 मई 2025 तक पूरा दिखा दिया गया और 1,04,806 रुपये खर्च भी दर्ज कर दिया गया मगर ग्रामीणों ने बताया कि मातागुड़ी के आसपास एक भी पौधा नहीं लगा। वहीं अमृत सरोवर तालाब में वृक्षारोपण कार्य के लिए 85,344 रुपये स्वीकृत हुए, जिनमें से 37,779 रुपये निकाल लिए गए। कागजों पर 14,87,585 रूपये की हरियाली दिखी, लेकिन जमीन पर सिर्फ सूखी मिट्टी।
दूसरी चोरी – सरकारी संपत्तियां भी गायब
मुरकीनार पंचायत में पूर्व सरपंच और सचिव ने कागजों पर 14,87,585 रूपयों के कार्य को ग्रामीणों व्दारा दिखाने के बाद अब चोरी के मामले को सामने लाया है। गौठान और चारागाह में मात्र 5,47,924 रुपये खर्च कर तार फेंसिंग का कार्य किया गया, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत क्लस्टर स्तरीय फेडरेशन (NRLM-CLF) द्वारा वृक्षारोपण हेतु 1,14,000 रूपयों की स्वीकृति मिली जिसमें मात्र 15,912 रुपए खर्च किए गए। गौठान में पानी की व्यवस्था के लिए पूर्व सरपंच और सचिव ने 30,000 रूपये का पाइप खरीदा मगर गौठान और चारागाह में लगी फेंसिंग तारें, पौधें और पाइप रहस्यमय ढंग से गायब हो गई।
मुख्य सड़क पर सोलर लाइटें लगी है जिनका सिस्टम पंचायत भवन के पास बने सांस्कृतिक मंच भवन में रखा हुआ था। सांस्कृतिक मंच भवन के कक्ष से सोलर सिस्टम की बैटरियां भी चोरी हो गईं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी संपत्तियों का इस तरह से चोरी हो जाना और जिम्मेदारों का इस पर किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न करना कहीं ना कहीं मिली भगत की कहानी को बयां करता है। अब हमें अपने हैंडपंप, पौधों, बैटरियों और तारों को ढूंढने के लिए अखबार में इश्तिहार देना पड़ेगा।
जब बैटरियों और फेंसिंग तारों की चोरी के संबंध में सचिव महोदया से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि चोरी होने के बाद थाने में इसकी सूचना दे दी गई थी।
मुरकीनार पंचायत में विकास तो हुआ, लेकिन कागजों पर, धरातल पर सिर्फ ठगी और चोरी दिखाई देता है। मुरकीनार में विकास को खा गया कौन? पौधें कहां गए, हैंडपंप कब लगे और मरम्मत कब हुआ? सरकारी संपत्तियां तार-बैटरियां कह गई? यहां भी जांच का विषय है।
अब देखना यहां होगा कि जिम्मेदार अधिकारी अपने अधीनस्थ जिम्मेदार कर्मचारियों पर और कितने दिनों तक मेहरबान रहते हैं या नींद से उठकर ग्राम पंचायत मुरकीनार में खोए हुए विकास को और गायब हुए सरकारी संपत्तियों को ढूंढने का कितना प्रयास करते हैं।




