विश्व आदिवासी दिवस पर निकाली गई पैदल और बाइक रैली, बस्तर और आदिवासी समाज के समग्र विकास की मांग, नीतिगत कानूनी ढांचे में बदलाव सहित शांति, शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग…

बीजापुर(प्रभात क्रांति)। 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बस्तर और आदिवासी समाज के समग्र विकास की मांग करते हुए प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय, राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। विश्व आदिवासी दिवस को जिले के भोपालपट्टनम, आवापल्ली, भैरमगढ़, बीजापुर, गंगालूर और कुटरू केतुलनार में रैली आमसभा और पारंपारिक नृत्यों की प्रस्तुति के साथ हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया।
सर्व आदिवासी समाज प्रमुखों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नीतिगत, प्रशासनिक और आर्थिक बदलावों की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। इस पहल में जनजातीय समुदाय ने अपनी परंपराओं, अधिकारों और विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार से मांग की गई हैं।
समाज प्रमुखों ने कहा कि किसी भी कानून को बस्तर में लागू करने से पहले जनजातीय सलाहकार परिषद की मंजूरी अनिवार्य हो। आंध्र प्रदेश की तर्ज पर आदिवासी भूमि की खरीद-बिक्री को नियंत्रित करने के लिए भू-हस्तांतरण विनियम लागू हो। भू-माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए विशेष कानून बने। पेसा कानून का नोडल विभाग आदिवासी विकास विभाग को बनाया जाए। गौण खनिजों की बिक्री का अधिकार ग्राम सभाओं को दिया जाए। खनन परियोजनाओं के मुनाफे का 25% हिस्सा पंचायतों को मिले।प्रभावित परिवारों को परियोजना में अनिवार्य नौकरी दी जाए। अनुसूचित क्षेत्र प्रशासनिक सेवा का गठन हो। जिला खनिज निधि (DMF) की राशि सीधे प्रभावित ग्राम सभाओं के खाते में हस्तांतरित की जाए। बंद हुए 1,629 स्कूलों को फिर से खोला जाए। प्राथमिक शिक्षा स्थानीय बोलियों में दी जाए। अवैध घुसपैठियों की जांच कर उन्हें वापस भेजा जाए। नक्सली उन्मूलन के नाम पर निर्दोष आदिवासियों की हत्या पर रोक लगे।
इस दौरान भोपापट्टनम के अशोक मडे, कामेश्वर गौतम, महेंद्र काका, आलम कामेश्वर, सालिक नागवंशी, अनिल पामभोई, भैरमगढ़ सीताराम मांझी, जग्गूराम तेलामी, शिव पुनेम, सीएस नेताम, भावसिंह भास्कर, रानू सोरी, केतुलनार (कुटरू) कुंवर सिंह मज्जी पुरुषोत्तम शाह, बीजापुर सुखलाल पुजारी, कमलेश पैंकरा, बीआर साहनी, बीआर अमान, श्रवण सैंड्रा, अजय दुर्गम, गंगालूर के नरेंद्र हेमला, अमित कोरसा, शंकर कुड़ियम, सुशील हेमला, हरिहर साहनी, मंगल राना, पीआर भगत, इग्नानुस तिर्की आवापल्ली ( उसूर) के तेलम बोरैया, भीमा कट्टम, मनोज अवलम, चिन्नाराम आंगनपल्ली सहित समाज के प्रमुख पदाधिकारीगण मौजूद थे।