मां दन्तेश्वरी माता जी की पूजा अर्चना कर विश्व योग दिवस के अवसर पर ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ की थीम के साथ योग और पर्यावरण संरक्षण का अनूठा संगम – देखें वीडियो

दंतेवाड़ा(प्रभात क्रांति), अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के मेनकाडबरा में एक भव्य और प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिला विधायक चैतराम अटामी, जिला कलेक्टर कुणाल दुदावत और पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने सक्रिय भागीदारी निभाई। भारत सरकार द्वारा निर्धारित इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में योग के महत्व को रेखांकित करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक सशक्त कदम उठाया गया। इस अवसर पर “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत पौधारोपण भी किया गया, जो इस आयोजन को और अधिक विशेष बनाता है।
योग और पर्यावरण का अनूठा संगम
विश्व योग दिवस, जो हर वर्ष 21 जून को मनाया जाता है, का उद्देश्य योग के माध्यम से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” ने न केवल व्यक्तिगत कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सामंजस्य की भावना को भी प्रोत्साहित किया। दंतेवाड़ा के मेनकाडबरा में आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय, प्रशासनिक अधिकारी, स्कूली बच्चे, और विभिन्न संगठनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 6:30 बजे मेनकाडबरा के एक खुले मैदान में हुई, जहां विधायक चैतराम अटामी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए योग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “योग न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि यह हमारे मन और आत्मा को भी शांति प्रदान करता है। यह हमें प्रकृति के साथ जोड़ता है और हमें एक बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा देता है।” उन्होंने इस वर्ष की थीम का उल्लेख करते हुए कहा कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं, और हमें दोनों के संरक्षण के लिए मिलकर प्रयास करना होगा।
प्रशासन की सक्रिय भागीदारी
जिला कलेक्टर कुणाल दुदावत ने अपने संबोधन में योग को एक प्राचीन भारतीय परंपरा बताया, जो आज विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है। उन्होंने कहा, “योग एक ऐसी कला है जो हमें तनावमुक्त जीवन जीने और शारीरिक-मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्र में, जहां लोग कई चुनौतियों का सामना करते हैं, योग एक सशक्त माध्यम बन सकता है।” कलेक्टर ने यह भी बताया कि जिला प्रशासन द्वारा योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें स्कूलों और ग्राम पंचायतों में योग प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “पुलिसकर्मियों के लिए योग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें मानसिक दबाव से निपटने और शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहने में मदद करता है।” उन्होंने योग को एक ऐसी जीवनशैली बताया, जो न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामाजिक स्तर पर भी सकारात्मक बदलाव ला सकती है।”
एक पेड़ माँ के नाम” अभियान
कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण रहा “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान, जिसके तहत विधायक, कलेक्टर, और पुलिस अधीक्षक ने स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर पौधारोपण किया। इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और मातृ शक्ति को सम्मान देना था। प्रत्येक पौधे को माँ के नाम समर्पित करते हुए, उपस्थित लोगों ने पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को दोहराया। कलेक्टर कुणाल दुदावत ने इस अवसर पर कहा, “पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं। जिस तरह माँ अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है, उसी तरह पेड़ हमें जीवनदायी ऑक्सीजन और छाया प्रदान करते हैं।”
सामूहिक योगाभ्यास और जागरूकता
कार्यक्रम के दौरान सामूहिक योग सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न आयु वर्ग के लोग शामिल हुए। योग प्रशिक्षकों ने प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, और विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया। योग सत्र में शामिल हुए स्कूली बच्चों और स्थानीय निवासियों ने इसे एक प्रेरणादायक अनुभव बताया। एक स्थानीय निवासी, रमेश कुमार, ने कहा, “योग करने से न केवल मेरे शरीर में ऊर्जा का संचार हुआ, बल्कि मैं मानसिक रूप से भी तरोताजा महसूस कर रहा हूँ।”
इसके अलावा, योग के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष सत्र आयोजित किए गए, जिसमें योग के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव, तनाव प्रबंधन, और जीवनशैली में सुधार जैसे विषयों पर चर्चा की गई। आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस कार्यक्रम में गणमान्य नागरिकों, दिव्यांगजनों, और विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों को भी शामिल किया गया, जिससे यह आयोजन समावेशी और व्यापक बन सका।
विश्व योग दिवस का वैश्विक महत्व
विश्व योग दिवस की स्थापना 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। 21 जून को चुने जाने का कारण यह है कि यह उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है, जो योग के दीर्घायु और संतुलन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध को दर्शाती है। दंतेवाड़ा में आयोजित इस कार्यक्रम ने इस थीम को पूरी तरह से आत्मसात किया, जिसमें योग और पौधारोपण के माध्यम से एक स्वस्थ और टिकाऊ भविष्य की दिशा में कदम उठाए गए।
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