छत्तीसगढ़

बिना तथ्य किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहिए: कृष्णा महराज, बदनामी का दंश वर्षों तक झेलता है पीड़ित परिवार, मां दंतेश्वरी मंदिर में चल रहा श्रीमद् देवी भागवत महापुराण

जगदलपुर(प्रभात क्रांति)। मां दंतेश्वरी मंदिर में चल रहे श्रीमद देवी भागवत महापुराण के दूसरे दिन कथा बाँचते हुए भागवताचार्य पंडित कृष्ण कुमार तिवारी ने कहा कि बिना तथ्य के किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहिए। बदनाम करने का दंश परिजनों को लंबे समय तक झेलना पड़ता है। भगवान श्रीकृष्ण पर शक्राजीत ने सोनांतक मणि चुराने का आरोप लगाया था। इस आरोप से मुक्त करने वासुदेव जी को भी देवी भागवत महापुराण करवाना पड़ा था। देवी ममतामयी और सर्वज्ञाता है। उनके समक्ष समर्पण की हर कलह की दवा है।

श्रीमद देवी भागवत महापुराण के तहत गुरुवार को मां ब्रह्मचारिणी महात्म, महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती व दुर्गा उत्पत्ति, सृष्टि उत्पत्ति कथा, नवरात्रि विधान नियम श्रवण के बाद दंतेश्वरी चालीसा का सामुहिक वाचन किया गया।

श्रीमद देवी भागवत महापुराण महिमा का बखान करते हुए कथावाचक पंडित कृष्ण कुमार तिवारी में बताया कि देवी भागवत कथा-श्रवण के लिए महीने तथा दिनों का कोई भी नियम नहीं है, इसलिए मानवों द्वारा इसका सदा ही पठन-श्रवण किया जाना चाहिये। श्रीमद देवी भागवत कथा महापुराण के प्रथम अध्याय के श्लोक क्रमांक 32 से 37 में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि आश्विन, चैत्र, माघ तथा आषाढ़ इन महीनों के चारों नवरात्रियों में इस पुराण का श्रवण विशेष फल प्रदान करता है। जो फल कठिन तपस्याओं, व्रतों, तीर्थयात्रा, अनेक विध दान, नियमों, यज्ञों, हवन एवं जप करने से प्राप्त नहीं होता है, वह फल मनुष्यों को श्रीमद देवी भागवत के कराने और श्रवण से प्राप्त हो जाता है।

संकटहारिणी है देवी भागवत
देवी भागवत महापुराण में यह भी वर्णित है कि गंगा स्नान, गया, काशी, मथुरा, पुष्कर तथा बदरीनाथ धाम भी मनुष्यों को उतना शीघ्र पवित्र नहीं कर पाते हैं, जितना कि श्रीमद देवी भागवत का यह नवाहयज्ञ लोगों को पवित्र कर देता है इसलिए श्रीमद देवी भागवत पुराण सभी पुराणों में श्रेष्ठतम है। इसे धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष की प्राप्ति का उत्तम साधन माना गया है।

भागवत महापुराण के दौरान दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पालकी निकाली गई। गुरुवार को पालकी नगर भ्रमण का सौभाग्य निषाद समाज बस्तर को प्राप्त मिला।

आज के अनुष्ठान
दंतेश्वरी चालीसा, मां चंद्रघंटा महात्म, सती चरित्र, राम अवतार, कृष्ण-योगमाया अवतार कथा, दही लूट।

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