छत्तीसगढ़

दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा के कटेकल्याण ब्लॉक में शिक्षा का स्तर दिन-ब-दिन नीचे गिरता जा रहा, विकासखण्ड अधिकारी के नजर अंदाज से शिक्षक की मनमर्जी आसमान पर…. देखें विड़ियों

ब्यूरो चीफ मीना झाड़ी की रिपोर्ट

दंतेवाड़ा(प्रभात क्रांति), जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा के जनपद पंचायत कटेकल्याण में इन दिनों शिक्षा का स्तर दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है यहां पदस्थ खण्ड शिक्षा अधिकारी भी अपने कर्तव्य को भूल चुके है ।

इसी तारतम्य में ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर पर स्थित ग्राम पंचायत मारजूम जो पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण से यहां शासकीय कार्य में हमेशा अविलंब देखा जाता है वही यह स्थिति संकुल केन्द्र में स्पष्ट देखा जा सकता है यह स्कूल दंतेवाड़ा जिला के अंतिम छोर तथा दूरस्त क्षेत्र होने के कारण से यहां शिक्षक अपना महत्व को भूल चुके है जिस ओर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा करोड़ो रूपये खर्च कर शाला जतन योजना का संचालन किया जा रहा है वही इस ओर खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं शिक्षकों द्वारा शाला का रख-रखाव करना भी भूल गये है जिससे स्कूलों की स्थिति दयनीय होती जा रही है ।

जहां छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नियद नेल्लानार एवं अन्य योजनाओं का लाभ छत्तीसगढ़ के बीहड़ क्षेत्रों में पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है वही शिक्षा के महत्व को दरकिनार कर खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं शिक्षक द्वारा बीहड़ क्षेत्रों में पदस्थिति का फायदा उठाकर मनमानी तौर पर सिर्फ कागजों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने में लगे हुए है ।

वही ग्राम पंचायत मारजूम सकूल केन्द्र में शिक्षकों की मनमानी के चलते कई शाला बंद होने के कगार पर पहुंच चुकी है यहां तक की कई शाला कागजों में ही चलाया जा रहा है इन शालाओं में न ही विद्यार्थी दिखते है न ही शिक्षक । यह स्थिति ग्राम पंचायत मारजूम के हुर्रापारा, ग्राम पंचायत पटेलपारा, में यह देखा जा सकता है ।

इस शाला भवन की स्थिति देखने से ऐसा लगता है यह शाला भवन कई वर्षो से बंद पड़े है जहां जर्जर भवन, खण्डहर एवं मकड़ियों की जाला भी स्पष्ट नजर आ रहे है यहां आये दिन शिक्षकों की अनुपस्थित में पालक भी अपने बच्चों को शाला भेजने से कतराते है शिक्षक कभी-कभी उपस्थित होकर रजिस्टर में विद्यार्थियों का नाम लिखकर शासकीय शाला को कागजों में चलाने में लगे हुए है ।

इस शालाओं की दयनीय स्थित में भी कटेकल्याण के खण्ड शिक्षा अधिकारी भी मौन है जबकि उनके पूरी तरह से इसकी जानकारी है किन्तु स्वंय चिंद्र निंद्रा में डुबे हूए है और बस्तर के बीहड़ क्षेत्र का फायदा उठाकर शिक्षकों को आजाद किये हुए है जो एक गंभीर विषय बना हुआ है ।

देखें विड़ियों –

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button