छत्तीसगढ़
उड़ीसा सीमा के समीप संरक्षित वन्य प्राणी पेंगोलिन के साथ 4 आराेपी को वन विभाग के अमले ने किया गिरफ्तार
जगदलपुर(प्रभात क्रांति)। बस्तर जिला के करपावण्ड वन परिक्षेत्र अंर्तगत करपावण्ड कोलावल मार्ग पर उड़ीसा सीमा के पास से संरक्षित वन्य प्राणी पेंगोलिन के साथ 4 आराेपियाें रंजीत मलिक, मकर भतरा, अजय निहाल एवं लंबा सुना काे बन विभाग की टीम के द्वारा घेराबंदी कर गिरफ्तार किया है। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त वन्य प्राणी को सुरक्षित अपने कब्जे में लेकर चारों आरोपियों को उनके 2 नग मोटर सायकल के साथ करपावण्ड वन परिक्षेत्र कार्यालय लाया गया एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 तथा वन्यप्राणि संरक्षण अधिनियम 1972 के विभिन्न धाराओ के तहत् वन अपराध प्रकरण क्रमांक 16794/04 दर्ज कर कार्यवाही गई।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुखबिर से प्राप्त सूचना के उपरांत उप वनमण्डलाधिकारी बस्तर, परिक्षेत्र अधिकारी करपावण्ड सौरभ रजक एवं अन्य वन अधिकारियों की एक टीम गठित कर करपावण्ड कोलावल मार्ग पर घेराबंदी कर मोटर सायकल में एक जूट की थैले में 1 नग जीवित वन्य जीव पेंगोलिन के साथ चार आरोपियों रंजीत मलिक, मकर भतरा, अजय निहाल एवं लंबा सुना को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार चारों आराेपी वन्य जीव को बेचने के फिराख में उड़ीसा से छग. आकर ग्राहक तलाश कर रहे थे। इस कार्यवाही में देवलाल दुग्गा, उप वनमण्डलाधिकारी जगदलपुर, योगेश कुमार रात्रे, उप वनमण्डलाधिकारी चित्रकोट, सुर्यप्रकश धु्रव, वन परिक्षेत्र अधिकारी माचकोट,प्रकाश ठाकुर, वन परिक्षेत्र अधिकारी चित्रकोट,देवेन्द्र वर्मा, वन परिक्षेत्र अधिकारी जगदलपुर, जयराज पात्र, वनरक्षक,श्रीधर स्नेही, सी.एफ.ओ. जगदलपुर,एवं वन परिक्षेत्र करपावण्ड के बनसिंह कर्मा उप वनक्षेत्रपाल,सुखपाल यादव वनपाल,कलमू देवा वनरक्षक,तुलेष बघेल वनरक्षक,मंगल कष्यप वनरक्षक,रघुनाथ नाग वनरक्षक,सोनाधर मौर्य वनपाल कमलोचन बघेल वनपाल का योगदान रहा।
मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास राव ने कहा कि संकटपन्न वन्य प्राणियों के बचाव एवं सुरक्षा हेतु जगदलपुर वन वृत्त स्तरीय रेपिड रेस्क्यू टीम (आरआरटी) का गठन किया गया है। जो वन्यप्राणियों क बचाव हेतु लगातार सूचना तंत्र स्थापित कर वन्यप्राणियों के तस्कर पर लगाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है। वृत्त जगदलपुर वन्य प्राणी पेंगोलिन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत् सेड्यूल्ड 1 में दर्ज है, जिसको मारना एवं खरीद फरोक्त करना अपराध है।