छत्तीसगढ़

”मोदी की गारंटी और अडानी की एंट्री“, बस्तर में 1.50 लाख करोड़ के वित्तीय घोटाले का आरोप, अमित जोगी का केंद्रदृराज्य सरकार पर हमला….

जगदलपुर (प्रभात क्रांति)। बस्तर जिले के जगदलपुर स्थित सर्किट हाउस में जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी ने एक प्रेसवार्ता आयोजित कर केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने नगरनार स्टील प्लांट के कथित निजीकरण और बस्तर के लौह अयस्क को बाहर भेजे जाने को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए।

अमित जोगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मेादी जी ने बार-बार यह भरोसा दिलाया था कि नगरनार इस्पात संयंत्र का निजीकरण नहीं किया जाएगा और यह संयंत्र छत्तीसगढ़ एवं देश की जनता का ही रहेगा । यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सार्वजनिक रूप से इसकी गारंटी दी थी।

लेकिन अब जो घटनाक्रम सामने आ रहे हैं, वे इस गारंटी के ठीक उलट हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ”यह मोदी की गारंटी नहीं, बल्कि अडानी की एंट्री साबित हो रही है।“

एनएमडीसी के फैसलों पर उठे सवाल

अमित जोगी ने बताया कि 29 अक्टूबर 2025 को एनएमडीसी के हैदराबाद मुख्यालय में निदेशक मंडल की बैठक हुई, जिसमें नगरनार इस्पात संयंत्र को विनिवेश के लिए पूर्ण सरकारी कंपनी के रूप में निगमित करने का निर्णय लिया गया।

इस प्रक्रिया के तहत एनएमडीसी की 90 प्रतिशत हिस्सेदारी निजी हाथों में सौंपने और सरकार के पास केवल 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की योजना बनाई गई है।

उन्होंने आगे बताया कि 4 नवंबर को भारत के पर्यावरण मंत्रालय ने एनएमएसएस कंपनी को अनकापल्ली तक पाइपलाइन बिछाने की अनुमति दे दी।

दिसंबर 2024 में आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने एनएमएसएस कंपनी के साथ समझौता कर अनकापल्ली में 1.50 लाख करोड़ की लागत से स्टील प्लांट लगाने का निर्णय लिया।

वर्ष 2022 में बैलाडीला की खदान क्रमांक 4 और 5 एनएमएसएस कंपनी को सौंप दी गईं। 7 नवंबर को खनिज मंत्रालय और इस्पात मंत्रालय ने पाइपलाइन के लिए एनओसी जारी की। इसके बाद 9 नवंबर को छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश ें तीनों राज्यों ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी।

अमित जोगी ने कहा कि महज आठ दिनों के भीतर तीन केंद्रीय मंत्रालयों और तीन राज्य सरकारों की मंजूरी यह साफ दर्शाती है कि प्रधानमंत्री की सार्वजनिक घोषणाओं को दरकिनार कर नगरनार संयंत्र को निजी हाथों में सौंपने की पूरी तैयारी है।

बस्तर के संसाधनों की बाहर निकासी का आरोप

उन्होंने आरोप लगाया कि बैलाडीला की खदानें क्रमांक 4, 5 और 13 से निकलने वाला लौह अयस्क अब अडानी समूह से जुड़ी कंपनियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश भेजा जाएगा।

नगरनार संयंत्र के लिए पाइपलाइन क्षमता का केवल 10 प्रतिशत उपयोग होगा, जबकि शेष 90 प्रतिशत लौह अयस्क अनकापल्ली के स्टील प्लांट को दिया जाएगा।

1.50 लाख करोड़ के घोटाले का दावा

अमित जोगी ने इसे 1.50 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय घोटाला बताते हुए कहा कि नगरनार इस्पात संयंत्र की वर्तमान कीमत लगभग 26 हजार करोड़ रुपये है, जिसकी स्थापना उनके पिता स्व. अजीत जोगी के कार्यकाल में हुई थी। बैलाडीला खदान क्रमांक 4 की अनुमानित कीमत 45 हजार करोड़ रुपये है। खदान क्रमांक 5 में लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का लौह अयस्क भंडार है।

उन्होंने कहा कि इन सभी संसाधनों को मिलाकर बस्तर की संपदा को योजनाबद्ध तरीके से बाहर सौंपा जा रहा है, जो बस्तर और छत्तीसगढ़ के हितों के साथ बड़ा अन्याय है।

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