छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा कटेकल्याण में लापरवाही का खुलासा: बैंक मैनेजर की नाकामी से ग्रामीण परेशान… देखे वीडियों

दंतेवाड़ा (प्रभात क्रांति), छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की कटेकल्याण शाखा में बैंक मैनेजर की लापरवाही और अव्यवस्था के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सुबह 10 बजे खुलने वाली बैंक शाखा नियमित रूप से 11 बजे खुलती है, जिसके कारण दूर-दराज के गांवों से आने वाले ग्रामीणों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा, बैंक में नकदी (कैश) की कमी एक स्थायी समस्या बन चुकी है, जिसके लिए बैंक मैनेजर राहुल प्रधान की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
नकदी की कमी, कैशियर गायब, ग्रामीण बेहाल
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बैंक में नकदी की सुविधा न होने के कारण उन्हें अपने जरूरी कामों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो कैशियर भी नदारद रहता है। मंगलवार को भी यही स्थिति देखने को मिली, जब दोपहर 1 बजे तक बैंक में नकदी उपलब्ध नहीं थी। बैंक मैनेजर राहुल प्रधान ने बताया कि नकदी लाने के लिए कैशियर दंतेवाड़ा गया है, लेकिन वह समय पर कटेकल्याण नहीं पहुंच सका। इस देरी के कारण ग्रामीणों को अपनी मेहनत की कमाई निकालने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।
बैंक मैनेजर की लापरवाही उजागर
ग्रामीणों का आरोप है कि बैंक मैनेजर राहुल प्रधान की लापरवाही के कारण यह समस्या बार-बार उत्पन्न हो रही है। नकदी की कमी कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह शाखा की नियमित समस्या बन चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि बैंक मैनेजर द्वारा नकदी प्रबंधन के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है। एक ग्रामीण, रामू नेताम ने बताया, “हम सुबह 9 बजे से बैंक के बाहर खड़े हैं, लेकिन 11 बजे तक बैंक खुली ही नहीं। जब खुली, तो बताया गया कि कैश नहीं है। हमारा समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है।”
दूर-दराज से आने वाले ग्रामीण सबसे ज्यादा प्रभावित
कटेकल्याण और आसपास के गांवों से आने वाले ग्रामीणों के लिए यह समस्या और भी गंभीर है। कई ग्रामीण 10-15 किलोमीटर पैदल चलकर या साधनों के अभाव में साइकिल से बैंक पहुंचते हैं, लेकिन नकदी न होने के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। एक अन्य ग्रामीण, शांति बाई ने गुस्से में कहा, “हमारे बच्चों की फीस, दवाइयों का खर्च, सब रुका हुआ है। बैंक मैनेजर को कोई फर्क नहीं पड़ता। हर बार यही बहाना कि कैश नहीं है।”
बैंक की अव्यवस्था पर उठ रहे सवाल
बैंक की इस अव्यवस्था ने न केवल ग्रामीणों का विश्वास तोड़ा है, बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का उद्देश्य आम लोगों को सुविधा प्रदान करना है, लेकिन कटेकल्याण शाखा में हो रही लापरवाही इस उद्देश्य को विफल कर रही है।
ग्रामीणों की मांग: कार्रवाई और सुधार
ग्रामीणों ने मांग की है कि बैंक मैनेजर के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और नकदी प्रबंधन के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए। उन्होंने जिला प्रशासन और बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
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