छत्तीसगढ़

एसएनसीयू में उचित देखभाल के चलते बची नवजात शिशु की जान, विशेष नवजात शिशु देखभाल ईकाई (एसएनसीयू) ने दिया शिशु को जीवनदान…

दंतेवाड़ा(प्रभात क्रांति)। विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई में उचित रक्षा खाओ के चलते एक नवजात शिशु की जान बच गई।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय रामटेके एवं सिविल सर्जन डॉ. अभय तोमर के मार्गदर्शन में टोटापारा, कुपेर के एक नवजात शिशु को 3 मार्च 2025 को जिला अस्पताल दंतेवाड़ा के SNCU ( विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई) में बहुत गंभीर और अचेत अवस्था में लाया गया।

ड्यूटी में मौजूद शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश ध्रुव ने बच्चे को देखा। शिशु अत्यंत गंभीर अवस्था में था, माता पिता ने बताया कि शिशु दूध नहीं पी रहा हैं, सुस्त है इसलिए हॉस्पिटल लाए हैं। जांच करने पर पता चला कि शिशु की स्थिति अत्यंत खराब और गंभीर हैं। शिशु कई दिनों से ठीक से स्तनपान नहीं कर रहा था, लगातार उसका वजन कम हो रहा था। शिशु का शुगर लेवल 40mg से भी कम था, जो कि एक गंभीर अवस्था है, जिसमें कि शिशु के दिमाग पर असर होता है, और झटका आता है। शिशु को भी झटका आ रहा था और वह सांस भी ठीक से नहीं ले पा रहा था, ऑक्सीजन लेवल 90 से कम था। डॉ ध्रुव और sncu नर्सिंग स्टॉफ ने तत्काल पहले शिशु को जरूरी , फ्ल्यूड,दवा और ऑक्सीजन सपोर्ट दिया और सैंपलिंग की। शिशु को स्टेबलाइज कर sncu के अंदरूनी यूनिट में शिफ्ट किया गया।

माता पिता से मिली जानकारी से पता चला कि शिशु का जन्म जिला अस्पताल में ही 9 फरवरी 25 में हुआ है,उस समय शिशु का वजन 2.2 किलोग्राम था एवं शिशु पूरी तरह से स्वस्थ था। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के पश्चात शिशु को समस्या हुई।और sncu में भर्ती किए जाने के समय शिशु का वजन 1.3 किलोग्राम हो गया था।

जिला अस्पताल के शिशु रोग चिकित्सक और sncu स्टाफ के सामने ऐसे गंभीर शिशु कि बीमारी को ठीक करना,साथ ही साथ माता को स्तनपान के लिए समझना और सपोर्ट करना बड़ी चुनौती थी। 10 दिन के कठिन उपचार और सही देखभाल के कारण शिशु को पुनः जीवन मिला और शिशु का वजन भी बढ़कर 1.735 किलोग्राम हो गया है। शिशु पूरी तरह स्वास्थ्य है और माता का स्तनपान कर रहा है।

शिशु को 12 मार्च को जिला अस्पताल,sncu से डिस्चार्ज कर दिया गया। तत्पश्चात दिनांक 19 मार्च को फॉलोअप के लिए बुलाया गया शिशु स्वस्थ एवं तंदरुस्त है। शिशु के इलाज में जिला अस्पताल प्रबंधन, शिशु रोग चिकित्सक डॉ राजेश ध्रुव, डॉ नमन सांखला, समस्त sncu नर्सिंग स्टॉफ का विशेष योगदान रहा।

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