फर्जी नियुक्ति पुष्टि होने के बाद भी नही हो रही कार्यवाही, भारतीय जनता पार्टी की सरकार भ्रष्टाचार को दे रहा बढ़ावा…
जगदलपुर(प्रभात क्रांति), बस्तर जिला पिछड़ा क्षेत्र होने के बावजूद यहां हमेशा भोले-भाले आदिवासियों का फायदा उठाया जाता है यहां नेताओं के पहुंच के कारण कई लोग शासकीय नौकरी के लिए नेताओं के आगे-पीछे घूम कर तथा धन एवं बल के कारण लोगों का नौकरी हतियाने में कोई कसर नही छोड़ते ।
ऐसा ही मामला जगदलपुर के बीजापुर में सहायक ग्रेड-03 के पद पर फर्जी तरीके से नियुक्ति का मामला सामने आया है यहां संंबंधित अधिकारियों द्वारा श्री श्रवण कुमार श्रीवास्तव का फर्जी तरीके से नियुक्ति कर जनपद पंचायत बीजापुर में लिपिक के पद पर नियुक्त किया गया है, जो वर्तमान जनपद पंचायत बकावंड, जगदलपुर में सहायक ग्रेड-02 के पद पदस्थ है ।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार जो केन्द्र एवं राज्य सरकार में होने के बाजवजूद एवं बस्तर में भूख, भय और भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाकर लोगों को शांति तथा न्याय प्रिय सरकार होने का दावा करने वाली सरकार के कार्यकाल में कई अनियमितता एवं भ्रष्टाचार स्पष्ट दिख रहा है । किन्तु कोई कार्यवाही नही किया जा रहा है । जो एक गंभीर विषय बना हुआ है ।
वर्ष 2011 में जनपद पंचायत बकावण्ड के निवासी श्रवण कुमार श्रीवास्तव का फर्जी तरह से नियुक्ति सहायक ग्रेड-03 के पद पर की गई जो फर्जी नियुक्ति होने की पूरी तरह की सच्चाई शासन-प्रशान के सामने आने के बावजूद भी विभाग कार्यवाही करने से कतरा रहा है ।
भारतीय जनता पार्टी डबल इंजन की सरकार ने बस्तर के आदिवासी बाहूल्य क्षेत्र में आदिवासियों को इंसाफ दिलाने में नाकाम नजर आ रहा है । यहां आदिवासी वर्ग के पद पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को चयनित किया गया है, इस भर्ती प्रक्रिया में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय उम्मीदवार को छोड़कर चौथी क्रम के उम्मीदवार को चयनित किया गया है तथा इस जांच में पाया गया है कि भर्ती प्रक्रिया में भर्ती आरक्षण रोस्टर का पालन किये बिना भी यह नियुक्ति की गई है ।
इस फजी नियुक्ति पर कई सामाजिक संस्थाओं एवं उम्मीदवारों द्वारा इसकी शिकायत बीजापुर में की गई थी, किन्तु कार्यवाही न कर बढ़ती शिकायत को देखते हुए संबंधित अधिकारियों द्वारा बीजापुर जनपद पंचायत से उनका स्थानांतरण जनपद पंचायत बकावंड, जगदलपुर में कर दिया गया है ।
इस संबंध में ‘‘प्रभात क्रांति एवं कलयुग के भारत’’ तथा ‘‘वेब पोर्ट’’ के माध्सम से राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन को इस फर्जी नियुक्ति की सूचना दी गई है । परन्तु जिला प्रशासन एवं संभागीय अधिकारियों द्वारा कार्यवाही किये जाने के बावजूद इस फर्जी नियुक्ति को छुपाने में लगे हुए है । बस्तर जैसे आदिवासी बाहूल्य क्षेत्र होने के उपरांत भी इस तरह से फर्जी नियुक्ति पर कार्यवाही नही किया जाना कई संदेह को जन्म देता है ।
संबंधित अधिकारियों द्वारा ऐसे नियुक्ति पर कार्यरत बाबू पर अगर समय रहते कार्यवाही नही किया गया तो सरकार एवं जनता के बीच की दूरियां बनने में वक्त नही लगेगा तथा इस फर्जी नियुक्त बाबू पर अधिकारी इतना महेरबान है कि सहायक ग्रेड-3 से सहायक गे्रड-2 में पदोन्निती कर दी गई, ऐसे भ्रष्ट लोगों की तुरंत प्रमोशन किया जाना सवालों के घेर पर है ।
इनकी नियुक्ति फर्जी कैसे हुआ जाने ?
श्रवण कुमार श्रीवास्तव जो स्थानीय निवासी बस्तर के होने के बावजूद उनकी नियुक्ति बीजापुर में किया गया।
बीजापुर में स्थानीय आदिवासियों को प्राथमिकता न देकर दूसरे जिले के उम्मीदवार का चयन किया जाना ।
भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर का पालन नही किया जाना ।
क्या बीजापुर में उक्त पद हेतु योग्य उम्मीदवार नही थे ।
जिन अधिकारियों द्वारा यह नियुक्ति की गई उनपर कई बार जिला प्रशासन द्वारा निलंबन की कार्यवाही की गई ।
श्रवण कुमार श्रीवास्तव भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में ग्राम पंचायत ढोंढ़रेपाल जनपद पंचायत बकावण्ड में उप सरंपच के पद पर पदस्थ थे ।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जयभान सिंह राठौर के कार्यकाल में बकावण्ड में धांधली तथा अन्य भ्रष्टाचार के आरोप के कारण उनका तबादला बीजापुर जनपद पंचायत में किया गया ।
श्री श्रवण कुमार श्रीवास्तव मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जयभान सिंह राठौर के चहेते होने के बावजूद उन्हें बीजापुर से सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्त किया जाना ।
बीजापुर में कई सामाजिक संस्थाओं एवं उम्मीदवारों द्वारा इसकी शिकायत किये जाने के बाद जांच न कर उनका हस्तांतरण जनपद पंचायत बकावण्ड कर दिया जाना ।
पदोन्निती में आरश्रण रोस्टर का पालन नही किया जाना ।
इस संबंध आदिवासी नेताओं एवं अन्य दल के नेताओं द्वारा से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि इस तरह से फर्जी नियुक्ति एवं भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नही किया जायेगा, उन्होंने कहा कि श्रवण कुमार श्रीवास्तव सहायक ग्रेड-03 जो वर्तमान में सहायक ग्रेड-02 पर कार्यरत है उनकी नियुक्ति फर्जी तरह से बीजापुर में की गई है तथा पदोन्निती में भी वरीयता सूची के आधार पर नही किया गया है जो बस्तर जिला के लिए एक गंभीर विषय बना हुआ है ।