तबादला के एक माह बाद भी जनपद पंचायत सीईओ का नहीं हुआ रिलीव , मुख्यमंत्री के सुशासन पर लग रहा हैं ग्रहण…
बीजापुर (प्रभात क्रांति), गौरतलब है कि शहरी क्षेत्रों में सरकारी नौकरी करने वाले अधिकारी हो या कर्मचारी का बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलें में पोस्टिंग होने से नक्सली खौफ के चलते आना नहीं चाहते हैं आने से तबादला होने के बाद आसानी से बीजापुर छोड़कर वापस शहरी क्षेत्रों में जाना नहीं चाहते हैं । ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है । जनकल्याणकारी रोजगार मूलक कार्यो के प्रति प्रतिबद्धता एवं प्राथमिकता के साथ कार्य करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भाजपा सरकार सुशासन का स्लोगन दे रही है । एक ओर प्रशासन विष्णुदेव साय की सुशासन पर ग्रहण लगा रहा है ।
मुख्यमंत्री का अनुमोदन एवं राज्यपाल तथा अवर सचिव के आदेश बाद उप-संचालक जनपद पंचायत बीजापुर का नवंबर माह में छत्तीसगढ़ खैरागढ़ जिला छुईखदान गण्डाई जनपद पंचायत सीईओ के लिए तबादला हो चुका है । शासनादेश के 10 दिवस अंदर मुख्यालय छोड़ना हैं । एक माह बाद भी सीईओ का रिलीव नहीं होना शासनादेश का धज्जियां उडाया जाना प्रतीत हो रहा है । जबकि शासनादेश का प्रशासन को कड़ाई से पालन करवाना होता है ।
बहरहाल आदेश के अनुसार 10 दिवस के भीतर नवीन पद-स्थापना कार्यालय ग्रहण कर दिसंबर माह का वेतन नवीन पद-स्थापना कार्यालय से आहरण किया जाना है । लेकिन सीईओ के लोकप्रियता के चलते मुख्यमंत्री का अनुमोदन एवं राज्यपाल तथा अवर सचिव के आदेश का अवहेलना हो रहा है । सीईओं से त्रस्त पंचायत सचिवों ने नाम नहीं छापने के शर्त में बताया है कि कमीशन लेकर उल्टे सचिवों से पूछ्ते है कमिशन ज्यादा तो नहीं ले रहा हूं । इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनपद पंचायत के चौतरफा फल-फूल रहें कमीशनखोरी का गोरखधंधा के चलते नवीन पद-स्थापना कार्यलय ग्रहण करने की मंशा नहीं हैं ।