सैकड़ो वृक्ष काट कर 50 लाख के लागत से निर्माण किया हुआ तालाब सुखा, ग्रामीण परेशान…
जगदलपुर(प्रभात क्रांति), बस्तर जिला जगदलपुर के वनमण्डल के अंतर्गत आने वाला वन परिक्षेत्र माचकोट में वर्ष 2020.21 में कैम्पा मद से 50 लाख रूपये के लागत से तालाब का निर्माण कराया गया था इस तालाब के निर्माण के लिए कई सैकड़ों किमती वृक्षों की बली भी दी गई थीए किन्तु वर्तमान में तालाब पूरी तरह सुखा पड़ा हुआ है यह तालाब न तो ग्रामीणों के काम आ रहा है और न ही जंगली जानवरों के काम आ रहा हैण् इस तालाब के आसपास लगे लगभग 30 से 40 बड़े.बड़े सरगी के वृक्ष को लोगों के द्वारा संयंत्र पूर्वक छिलका निकालकर सुखाया जा रहा है ।
यह तालाब सीआरपीएफ कैम्प तथा मुख्य मार्ग चितालुर से तरणपुर पहुंच मुख्य मार्ग पर होने के कारण से यह ग्रामीणों तथा राहगीरों एवं वन्य पशुओं के लिए बहुत उपयोगी हो सकता था परन्तु यह भी भ्रष्टाचार की बली चढ़ गई और तालाब के समीप आनन.फानन में बोर्ड लगाकर छोड़ तालाब का निर्माण कागजों में पूर्ण कर दिया गया । आज यह तालाब स्वंय ही पानी के लिए तरस रहा है ।
वर्तमान में अभी गर्मी का मौसम आया नही है और यह तालाब सुख गया है नये वर्ष के प्रथम जनवरी में ही यह तालाब सुख सुखने लगा है इस तालाब में और पानी होने की आशंका बहुत ही कम है । कुल मिलाकर इस तालाब के निर्माण में कई सैकड़ों सरगी वृक्षए ईमारी वृक्ष जैसे किमती वृक्षों की बलि देकर यह तालाब निर्माण किया गया परन्तु यह तालाब सिर्फ एक सो पिस बनकर रह गया है ।
ऐसे ही बस्तर में विकास होता रहेगा तो बस्तर कब विकास करेगा आगामी समय में जल संरक्षण का मुख्य स्त्रोंत बस्तर के लिए उपयुक्त साबित हो सकता है । क्योंकि यहां इस क्षेत्र में नगरनार स्पांत संयंत्र लगने के कारण से यह क्षेत्र में दिनों.दिन गरमी बढ़ती जा रही है । जिसके कारण जंगली जानवर खाने पीने केे लिए भटकते हुए देखे जा सकते हैए इस ओर पर्यावरण संरक्षण मण्डल एवं जिला प्रशासन को एक टीम गठित कर तालाब के निर्माण में की गई भ्रष्टाचार की जांच करना चाहिए तथा दोषियों पर कार्यावाही कर इस तालाब को और अधिक गहरा बनाकर पानी को रोकने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि ग्रामीण एवं स्थानीय पशु.पक्षी इस तालाब का लाभ ले सके ।