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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 12000 बूथों पर CCTV से की जाएगी निगरानी

रायपुर(प्रभात क्रांति)। छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना चुनाव आयोग के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन चुनाव आयोग ने इन क्षेत्रों में भी शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने की पूरी तैयारी शुरू कर दी है। इस बार के चुनाव में आयोग ने ऐसी व्यवस्था बनाई है, जिससे चुनाव का सीधा प्रसारण दिल्ली में बैठे केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकारी देख सकेंगे। प्रदेश में पहली बार यह व्यवस्था होगी कि 24109 बूथों में से 50 फीसदी बूथों का सीधा प्रसारण किया जाएगा। आयोग की नक्सल प्रभावित और कम मतदान वाले बूथों पर खासतौर पर नजर रहेगी।

400 मोबाइल नेटवर्क की हुई स्थापना
केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश के बाद सुरक्षा और पारदर्शिता के उद्देश्य से निर्वाचन कार्यालय ने ज्यादा से ज्यादा बूथों पर सीसीटीवी कैमरे और इंटरनेट के जरिए सीधे प्रसारण की तैयारियां शुरू कर दी है। कार्यालय ने वेबकास्टिंग के लिए टेंडर भी जारी कर किया है। पिछले विधानसभा चुनावों में 20 से 30 प्रतिशत बूथों में ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। खास बात यह है कि इस बार दूरसंचार मंत्रालय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 400 मोबाइल नेटवर्क की स्थापना की है।

सीसीटीवी कैमरे लगाने की तैयारी
प्रदेश सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों ने आदिवासी और नक्सल प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवा को बेहतर बनाने के लिए कवायद पहले से ही शुरू कर दी थी। बता दें कि 12,055 बूथों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की तैयारी की जा रही है। जिससे आयोग के साथ-साथ पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी इन बूथों पर नजर रख सकेंगे।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बनाए जाएंगे मतदान केंद्र
केंद्र निर्वाचन कार्यालय ने विधानसभा चुनाव में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ही मतदान केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। इससे पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मतदान के लिए 20 से 25 किमी दूर मतदान केंद्र तक आना पड़ता था। निर्वाचन कार्यालय ने इस बार सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाकर आदिवासी क्षेत्रों में मतदान को बढ़ाने के लिए आस-पास के 30-40 गांवों को मिलाकर नया बूथ बनाने का निर्णय लिया है। दूरसंचार मंत्रालय 400 मोबाइल नेटवर्क की स्थापना से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के दो लाख की आबादी को पहली बार 4G नेटवर्क का कवरेज मिलेगा। इनमें बस्तर, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, दंतेवाड़ा आदि जिले के कई आदिवासी क्षेत्र शामिल हैं।

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