हैरान करने वाली घटना — वन मंत्री पर लकवा ग्रस्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को पीटने और गाली-गलौच का आरोप… देखें वीडियों

जगदलपुर (प्रभात क्रांति)। बस्तर जिला जगदलपुर की राजनीति में सर्वप्रथम भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता स्व. बलीराम कश्यप (पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद एवं विधायक) ने राज्य की सेवा की और अपना प्राण त्यागा। उनके पुत्र दिनेश कश्यप, केदार कश्यप एवं पूरा परिवार आज भी बस्तर की राजनीति में सक्रिय है। कश्यप परिवार बस्तर जिले के स्थानीय निवासी होने के कारण आदिवासी, ब्राम्हण, ठाकुर, यादव, माहरा एवं अन्य समाज में गहरी पहचान रखते हैं।
इन दिनों सोशल मीडिया में चर्चा में आया है कि 06 सितम्बर को बस्तर जिला जगदलपुर के सर्किट हाउस में एक ब्राम्हण परिवार के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी खितेन्द्र पाण्डे, जो लकवा मरीज भी हैं, को वन मंत्री केदार कश्यप द्वारा लात-घूंसों से मारने एवं अभद्र गाली-गलौच करने का आरोप लगा है।
बताया गया है कि उस समय पीड़ित मंत्री के लिए नाश्ता बना रहा था, तभी उसे बुलाया गया और कहा गया — “कमरा क्यों नहीं खोलता?” जबकि खितेन्द्र ने साफ कहा कि — “कमरे के बारे में मुझे कुछ भी नहीं मालूम।” इसके बावजूद मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने उसे बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया।
यह एक गंभीर विषय है क्योंकि कश्यप परिवार की बस्तर में गहरी पकड़ रही है और विशेषकर ब्राम्हण परिवार उन्हें अपना करीबी मानते रहे हैं। लेकिन इस तरह की घटना सामने आने के बाद अन्य समुदायों में भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर बेकसूर कर्मचारी को मारने-पीटने की वजह क्या थी?
यह कोई छोटी समस्या नहीं बल्कि एक गंभीर और विचारणीय विषय है। यदि यह घटना बंद कमरे में सत्य है तो इस पर तुरंत कार्यवाही जरूरी है। क्योंकि यदि सरकार में बैठा कोई मंत्री खुद पुलिस और गुंडा बनकर लोगों को सबक सिखाने लगे तो आम जनता पर इसका गहरा असर पड़ेगा।
इस पर गहराई से जांच होना आवश्यक है तथा पीड़ित व्यक्ति के साथ यदि किसी भी प्रकार का अत्याचार हुआ है तो दोषी को सजा मिलनी चाहिए — चाहे वह मंत्री हो या आम नागरिक।
भाजपा की कार्यप्रणाली हमेशा भयमुक्त छत्तीसगढ़ बनाने की रही है, लेकिन यदि खुद ही सरकार में बैठे लोग इस तरह की हरकत करेंगे तो उन्हें भी आम आदमी जैसी सजा मिलनी चाहिए।
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