छत्तीसगढ़

मांदर में बाढ़ का संकट टला, जनजीवन पटरी पर — राहत शिविरों में 250 से अधिक प्रभावितों को मिल रही सहायता….

प्रशासन व समाजसेवी संगठन जुटे राहत और पुनर्वास कार्यों में, ग्रामीण बोले– हर संभव मदद मिल रही है

जगदलपुर(प्रभात क्रांति)। जिले के लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक के मांदर में हाल ही में आई बाढ़ के बाद अब हालात सामान्य होने लगे हैं। सोमवार और मंगलवार को हुई भारी बारिश से नदी-नालों में उफान आने से बस्तियों में नुकसान हुआ था, लेकिन अब पानी उतर चुका है और लोग अपने घरों को लौट रहे हैं। प्रभावित ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन की त्वरित मदद पर संतोष जताते हुए कहा कि उन्हें हर संभव सहयोग मिल रहा है।

जिला प्रशासन द्वारा मांदर क्षेत्र में पांच राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 250 से ज्यादा प्रभावित ग्रामीणों को भोजन, चाय-नाश्ता और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही राशन और जरूरी सामग्री देकर प्रभावित परिवार स्वयं भोजन तैयार कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा सभी जरूरतमंद परिवारों को कंबल, चादर, कपड़े और बच्चों के वस्त्र भी उपलब्ध कराए गए हैं।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने न केवल राहत सामग्री दी है बल्कि क्षतिग्रस्त मकानों के सर्वे के आधार पर अब तक 14 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 91 हजार रुपये और 4 पूर्णतः क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 4 लाख 80 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की है। वहीं मकान निर्माण और मरम्मत के लिए वन विभाग की ओर से बांस और बल्ली उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि राहत शिविरों में समय पर भोजन, रहने की जगह और चिकित्सा जांच की उचित व्यवस्था की गई है। बच्चों की स्वास्थ्य जांच को प्राथमिकता दी जा रही है। साथ ही विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए लाइन मरम्मत कार्य भी तेजी से किया गया है।

बाढ़ प्रभावितों के पुनर्वास और सहयोग में शासन-प्रशासन के साथ कई गैर-सरकारी संगठन भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इस दौरान प्रभावितों ने सुझाव दिया है कि भविष्य में ऐसे हालात से बचने के लिए नाले के किनारे बसे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर बसाने पर विचार किया जाए।

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