कोलकाता में छत्तीसगढ़ पर्यटकों से अवैध वसूली का मामला, पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल पर्यटन को लेकर गंभीर स्थिति….

जगदलपुर(प्रभात क्रांति)। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में छत्तीसगढ़ से आए पर्यटकों के साथ कथित रूप से पुलिस द्वारा अवैध वसूली किए जाने का मामला सामने आया है। यह घटना राज्य की छवि और पर्यटन के लिहाज से चिंता का विषय बनती जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बस्तर जिले के जगदलपुर से कुछ पर्यटक एक टवेरा वाहन (क्रमांक CG18D-0943) में पश्चिम बंगाल स्थित माँ काली मंदिर दर्शन हेतु यात्रा पर थे तभी मोड़ा गांछा कोलकता बाईबास के समीप तकरीबन दोपहर 1.30 बजे पश्चिम बंगाल पुलिस के द्वारा छत्तीसगढ़ वाहन क्रमांक को देखते हुए एक स्कॉर्पियो वाहन (क्रमांकWB24M-4963) में मौजूद एसआई, सिपाही और चालक ने पर्यटकों के वाहन को रोक अभ्रदता व्यवहार करते हुए पूछताछ कर एवं गाड़ी के सभी दस्तावेज दिखाने की मांग की गई ।
पर्यटकों के अनुसार, सभी वैध दस्तावेज दिखाए जाने के बावजूद पुलिसकर्मियों ने उनसे पहले ₹10,000 से ₹15,000 की मांग की । पर्यटकों द्वारा आपत्ति जताने पर पुलिस ने कथित रूप से धमकाया और वीडियो बनाने की कोशिश पर वाहन जब्त करने की चेतावनी भी दी। अंततः ₹5000 देने के बाद ही पर्यटकों को आगे जाने दिया गया ।
इस पूरे घटनाक्रम ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या राज्य में पुलिस व्यवस्था पर्यटकों के प्रति संवेदनशील है? अगर दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटक इस तरह की घटनाओं का शिकार होंगे तो यह न केवल पश्चिम बंगाल की छवि को प्रभावित करेगा, बल्कि पर्यटन उद्योग पर भी प्रतिकूल असर डालेगा ।
वर्तमान में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार लगभग दो दशकों से सत्ता में है, और राज्य में प्रशासनिक पारदर्शिता व पर्यटक सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उनकी सरकार पर है। ऐसे में इस प्रकार की घटनाओं पर राज्य सरकार द्वारा सख्त संज्ञान लिया जाना आवश्यक है।
अगर समय रहते इस तरह की गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में पर्यटक अन्य राज्यों की ओर रुख करना बेहतर समझेंगे, जिससे बंगाल का पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था दोनों प्रभावित हो सकते हैं ।
राज्य सरकार और पर्यटन विभाग से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि राज्य में आने वाले पर्यटकों को सुरक्षा और सम्मान का भरोसा मिल सके ।