छत्तीसगढ़

भालू को प्रताड़ित करने का वीडियो वायरल, दो आरोपी गिरफ्तार, जांच जारी….

जगदलपुर(प्रभात क्रांति)। बीजापुर-सुकमा-तेलंगाना बॉर्डर क्षेत्र के ग्राम पुटेपाड़ से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें एक भालू को अमानवीय तरीके से प्रताड़ित करते देखा गया। यह वीडियो नवंबर 2024 का है, जिसे ग्रामवासी तेलम देवा द्वारा रिकॉर्ड किया गया था। इस वीडियो में वन्डो देवा नामक व्यक्ति और एक नाबालिग लड़का भालू को बुरी तरह से परेशान करते हुए नजर आ रहे हैं, जहां वन्डो देवा भालू के कान को पकड़कर उसे अत्याचार कर रहा है।

इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए वन मंत्री के निर्देश पर वन विभाग और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने त्वरित कार्रवाई की। 13 अप्रैल 2025 को छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वन्डो देवा को जेल भेज दिया गया है जबकि नाबालिग को बाल संरक्षण गृह दंतेवाड़ा भेजा गया है। पूछताछ में दोनों ने अपराध स्वीकार कर लिया है। आरोपी को पकड़वाने वालों के लिए सरकार द्वारा ₹10,000 का इनाम भी घोषित किया गया था।

इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और वन्यजीव संरक्षण कानूनों की अनदेखी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वीडियो में दिख रही क्रूरता और भालू के साथ किए गए अत्याचार को लेकर जनता में रोष है। यह मामला यह भी दर्शाता है कि अब डिजिटल साक्ष्य के आधार पर भी अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

सीसीएफ आरसी दुग्गा ने बताया कि प्रताड़ना के बाद भालू की मृत्यु हो गई थी और ग्रामीणों ने उसका मांस खा लिया। यह कृत्य न केवल वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि एक सामाजिक और नैतिक अपराध भी है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच अभी जारी है और इस घटना में शामिल अन्य ग्रामीणों की पहचान कर उनके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इसी तरह  माचकोट परिक्षेत्र के अंतर्गत चितालुर गांव में एक फार्महाउस नुमा घर में कुछ अज्ञात लोग वन्यजीव चिताल को मारकर उसका मांस पकाने की साजिश रच रहे थे। वन विभाग को जैसे ही इसकी सूचना मिली, उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच की। छानबीन के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि चिताल को मार दिया गया था और आरोपियों द्वारा उसका मांस पकाने का प्रयास किया जा रहा था।

वन विभाग की सक्रियता के चलते आरोपियों को मौके पर ही पकड़ लिया गया और उनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही करते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया। यह कार्रवाई वन्यजीवों के संरक्षण और अवैध शिकार रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। विभाग ने संकेत दिए हैं कि ऐसे मामलों में भविष्य में और सख्ती बरती जाएगी।

 

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