शासकीय धान खरीदी केन्द्र में मापन का टोटा, – कांग्रेस शासन में भारतीय जनता पार्टी ने इलेक्ट्रॉनिक तौल का किया था बहिष्कार, वही भाजपा सरकार इलेक्ट्रॉनिक काटा मापक रखी बरकरार,, चोर-चोर मौसेरे भाई
जगदलपुर(प्रभात क्रांति), छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है राज्य सरकार के द्वारा 3100 रूपये के हिसाब से धान किसानांे से खरीदा जा रहा है जिसमें उच्च अधिकारियों द्वारा समय-समय पर धान खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण भी किया जा रहा है, ताकि धान खरीदी में किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न न हो सके ।
वही इस समय धान खरीदी केन्द्र का कार्य प्रगति पर है जिससे बस्तर के किसानों में खुशी की लहर बनी हुई है एवं बड़ी संख्या में किसानों द्वारा धान खरीदी केन्द्र पहुंचकर धान का विक्रय करने में लगे हुए है वही कुछ किसान के लिए इलेक्ट्रॉनिक काटा में धान तौलना उनके लिए समझ के परे होने के कारण से तराजू बाट से धान को तौलने की मांग की जा रही है । पूर्व में मापतौल कांटा, पैली एवं सौली जैसे यंत्रों से किया जाता था जिससे क्रेता एवं विक्रय अपने सामग्रियों को लेकर संतुष्ठ हुआ करते थे किन्तु जैसे-जैसे लोग शिक्षित होते गये वैसे-वैसे माप तौल में परिवर्तन होकर तराजू से नाप तौल की प्रक्रिया शुरू की गई जिससे सभी तराजू के माप को ही माना एवं उसे प्रचलन में लाया गया ।
परन्तु आज इस हाईटेक जमाने में इलेक्ट्रीक यंत्र से सामग्रियों का मापन की शुरूआत की गई है जिसे राज्य सरकार द्वारा भी उपयोग में लाया जा रहा है पूर्व में छत्तीसगढ़ शासन में कांग्रेस पार्टी द्वारा इलेक्ट्रानिक काटा माप को धान खरीदी केन्द्र में शुरू किया गया था जिसका विरोध भारतीय जनता पार्टी के द्वारा बड़े जोश से किया एवं इस इलेक्ट्रॉनिक तौल माप को बंद कर तराजू का उपयोग करने की सलाह भी दी गई थी किन्तु आज छत्तीसगढ़ एवं केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद कांग्रेस शासन के कार्यकाल मेें शुरू किया गया इलेक्ट्रॉनिक काटा माप में कोई बदलाव नही किया गया वही इस इलेक्ट्रॉनिक माप को नापतौल अधिकारी के द्वारा भी सत्यापन नही किया गया है । छत्तीसगढ़ में शासकीय उचित मूल्य दुकान राशन दुकानों में भी इस इलेक्ट्रॉनिक मापक का उपयोग किया जा रहा है जहां कई बार सामग्रियों के तौल में धांधली की बात सामने आ रही है किन्तु धान खरीदी केन्द्र में इस इलेक्ट्रॉनिक माप का उपयोग करना किसानों को रास नही आ रहा है । किसानों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मापक के स्थान पर तराजू का उपयोग किये जाने की मांग की जा रही है ।
इस संबंध में लेम्पस बकावण्ड के राजनगर खरीदी केन्द में खलेश बिसाई एवं सुनील सेठिया से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि यहां सभी किसान धान खरीदी केन्द्र में रूची ले रहे है इलेक्ट्रॉनिक हारवेस्टर एवं कई आधूनिक यंत्र से धान कटाई करने के बाद इस वर्ष धान खरीदी की प्रक्रिया शुरूआती दौर में तेजी आई है जिससे किसानों में खुशी की लहर है किन्तु राज्य सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मापक यंत्र कई किसानों को समझ नही आने कारण से तराजू का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है, वही धान केन्द्र प्रभारी से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि यहां धान उठाव की समस्या सबसे बड़ी है समय पर उठाव नही होने के कारण से धान रखने की समस्या बनी हुई है वही बारदाना के समस्याओं से भी उन्हांेने अवगत कराया एवं बारदाना की कमी होने की बात कही तथा ग्राम सरगीपाल के लेम्पस के खरीदी केन्द्र दसापाल में भी प्रभारी से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि धान उठाव की समस्या बनी हुई है और इस वर्ष फसल मिडाई जल्द होेने के कारण से अधिक मात्रा में किसान धान विक्रय हेतु खरीदी केन्द्र ला रहे है तथा खरीदी केन्द्र में इलेक्ट्रॉनिक काटा से खरीदी किया जा रहा है जिससे कई किसानों द्वारा तराजू का उपयोग करने की मांग की जा रही है ।
वही इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा किसानों की मांग को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक मापक यंत्र के उपयोग के स्थान पर तराजू का उपयोग धान खरीदी केन्द्र में लाना चाहिए । ज्ञात हो कि पिछले कई वर्षो से इलेक्ट्रॉनिक मापक यंत्र का आज तक माप तौल अधिकारी द्वारा सत्यापन नही किया गया है बिना सत्यापन के इस मशीन का उपयोग किया जा रहा है, जो कई संदेह को जन्म देता है ।