छत्तीसगढ़

केन्द्रीय सहायता मद 15वी वित्त की राशि का बंदरबाट को लेकर पंचायत संचालनालय, रायपुर को आचार्य रामानुजन ने लिखा पत्र, उचित कार्यवाही करने कि मांग की ….

जगदलपुर(प्रभात क्रांति), छत्तीसगढ़ में बस्तर जिला बरसों से पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण से यहां केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित करती रहती है, इन योजनाओं का संचालन करने का मुख्य उदेश्य बस्तर जिले में पिछड़े क्षेत्रों को विकास की राह पर लाना है । इन महत्वपूर्ण योजनाओं के स्वीकृत उपरांत योजना में खर्च एवं शासकीय मद का लेखा-जोखा एवं कार्य योजना जिले में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बनायी जाती है, ताकि योजनाआंे का सफलता पूर्वक संचालन किया जा सके ।

इस योजना का संचालन केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत 15वीं वित्त विशेष सहायता राशि बस्तर पिछड़े हुए क्षेत्र को देखते हुए ग्राम पंचायत के विकास के लिए शासन के द्वारा राशि ग्राम पंचायत के अकाउंट में दिया जाता है साथ में शासन से गाईडलाइन भी ग्राम पंचायत को जनपद पंचायत के माध्यम से कार्ययोजना के संबंध कार्य किये जाने हेतु निर्देश दिया जाता है ।

इस संबंध में आचार्य रामानुजन, उपाध्यक्ष जनपद पंचायत बकावण्ड के द्वारा पंचायत संचायनालय, रायपुर को पत्र लिखकर आवेदन किया गया है कि जनपद पंचायत बकावण्ड के ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा अपने स्वार्थ के अनुरूप कार्ययोजना बनाई जाती है । यह कार्ययोजना शासन के गाईडलाइन के अनुरूप 60 : 40 के रेसियो में कार्ययोजना पारित करने का निर्देश दिया जाता है जिसमें 30 प्रतिशत पेयजल में, 30 प्रतिशत शिक्षा एवं स्वास्थ्य में, 40 प्रतिशत अधोसंरचनाओं में खर्च करने का निर्देश दिया जाता है। सरपंच एवं सचिव शासन के गाईडलाइन को अनदेखा करते हुए गोपनीय तौर से कार्ययोजना जी.पी.डी.पी. प्लान बनाया जाता है ।

गाईडलाइन में यह दर्शायी गई है कि-

1. ग्राम पंचायत स्तर पर एक महिला सभा का आयोजन की जानी है इस सभा में महिलाओं के द्वारा सरपंच के समक्ष मूलभूत सुविधा के तहत्  अपनी राय व्यक्त एवं सुझाव देने के निर्देश है ।

2. ग्राम पंचायत स्तर में बाल सभा की भी आयोजन सरपंच के द्वारा की जानी है, बालक- बालिकाओं के मांग के अनुरूप कार्ययोजना में लिया जाना गाईडलाइन का निर्देश है ।

3. पंच सभा की भी ग्राम पंचायत के द्वारा आयोजन कर के सभी पंचों के समक्ष 15वें वित्त की राशि की जानकारी और गाईडलाइन की जानकारी देने के पश्चात् पंचों अपने-अपने वाडों की आवश्यकता के अनुसार कार्यों को सरपंच के सामने प्रस्तुत करना गाईडलाइन में निर्देश है ।
4. ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन करने के पश्चात् सभी ग्रामवासियों के समक्ष महिला, बालक-बालिकाओं एवं पंच के द्वारा मांग एवं सुझाव को सभी के समक्ष रखकर यह कार्य कर अनुमोदन करने के लिए निवेदन करना गाईडलाइन के निर्देश है ।

5. ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा के समक्ष सरपंच के द्वारा पूर्व में दर्शायी गई कार्य की सभी के समक्ष रखने के पश्चात् अनुमोदन कराना गाईडलाइन में निर्देशित है ।

6. जनपद पंचायत के सामान्य सभा में पूरे कार्य की अनुमोदन लेना गाईडलाइन में निर्देशित है ।

रामानुजन ने कहा कि ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव अपने स्वार्थ को सार्थक करने के लिए यह सभी जानकारी को ग्रामवासी, पंचों, जनपद पंचायतों को गुमराह करके अपने स्वार्थ के अनुसार कार्ययोजना बनाई जाती है। यह कार्य में शासन के गाईडलाइन के अनुसार 50,000/- के ऊपर की राशि होने पर जिओ टेक अनिवार्य होती है, 50,000/- तक की राशि होने पर तकनीकि स्वीकृति अनिवार्य होता है। लेकिन हमारे सचिव और सरपंच बहुत चालाकी से 49,000/- के नीचे की राशि को वेंडर को भुगतान कर अपना स्वार्थ साध लेते है और जी.पी.डी.पी. प्लान में विभिन्न प्रकार का कार्य योजना में लिये रहते हैं लेकिन अपने स्वार्थ को सिद्ध करते हुए राशि आहरण कर जी.पी.डी.पी. प्लान के अनुरूप जो कार्य लिए रहते हैं उस कार्य को नहीं करते हैं। यह योजना प्रति पाँच वर्ष में शासन के द्वारा इस योजना को विलोपित करते हुए 16वें वित्त आयोग की कार्ययोजना के लिए अग्रिम तैयारी में है।

इस राशि में से जो ब्याज की राशि आती है गाईडलाइन के अनुरूप ब्याज की राशि को उक्त योजना की राशि में समायोजन कर उस कार्य को करना होता है लेकिन ब्याज की राशि को व्यय करने के लिए ग्राम पंचायत की सामान्य सभा में रखकर जनपद पंचायत की सामान्य सभा के माध्यम से जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के अनुशंसा यह कार्य स्वीकृत करना गाईडलाइन में दर्शायी गई है । उन्होंने उक्त पत्र के माध्यम से पंचायत संचालनालय, रायपुर को लेख कर कहा है कि उपरोक्त तथ्यों की जांच कर उचित कार्यवाही करने की मांग की है ।

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