छत्तीसगढ़

भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक संतोष बाफना ने जगदलपुर में निर्मित सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के संचालन व रखरखाव का जिम्मा एनएमडीसी को देने एवं एनएमडीसी का अपना अलग सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को लिखा पत्र….

जगदलपुर(प्रभात क्रांति), केन्द्र व राज्य शासन की सहायता से जगदलपुर में निर्मित सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के संचालन व रखरखाव का जिम्मा किसी विश्वस्तरीय चिकित्सकीय संस्थान को देने एवं एनएमडीसी का अपना अलग सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने को लेकर भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक संतोष बाफना ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को पत्र लिखा है।

गौरतलब है कि, जगदलपुर के समीप डिमरापाल में केन्द्र व राज्य सरकार की सहायता से बनकर तैयार सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल जिससे बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात घायल जवानों को बचाने एवं यहॉ की जनता को दिल, मस्तिष्क और किडनी, लिवर के साथ प्लास्टिक सर्जरी जैसी तमाम सुविधाएं विश्वस्तरीय विशेषज्ञ चिकित्सकों व अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से दी जानी है।

दरअसल, पूर्व विधायक बाफना का मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को इस विषय पर पत्र लिखने की वजह अभी हालही में चित्रकोट में हुई बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक है। जिसमें सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का संचालन मेडिकल कॉलेज या एनएमडीसी के माध्यम से की जाने की बाते सामने निकलकर आई थी। इसके पश्चात् ही बस्तर के मौजूदा स्वास्थ्यगत् ढांचे व चिकित्सकीय सुविधाओं की वस्तुस्थिति पर पूर्व विधायक संतोष बाफना ने चिंता जाहिर की और अपने प्रेषित पत्र में कहा कि, जगदलपुर में मेडिकल कॉलेज की सुविधा तो उपलब्ध है किन्तु जिले के सबसे बड़े अस्पताल में आज पर्यन्त विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं। तो वहीं चिकित्सकीय उपकरण जैसे सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउण्ड, एक्स-रे, सोनोग्राफी, डायलिसिस मशीनें या तो खराब हो जाती है या फिर उनका मेंटनेंस नहीं हो पा रहा हैं। और न ही जिले के एकमात्र मेडिकल कॉलेज में एमआरआई की सुविधा मरीजों को मिल पा रही है।

यही कारण है कि बस्तर के मौजूदा अस्पताल, अस्पताल में सभी रोगों के लिए समुचित चिकित्सक और रोगों के ईलाज के लिए समुचित उपकरणों की व्यवस्था नहीं होने से यहॉ के लोगों को राज्य से बाहर विशाखापट्टनम, हैदराबाद, बैंगलोर, दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता है। एवं ऐसे में मेडिकल कॉलेज जो स्वयं चिकित्सकों व अन्य स्टाफ की कमी से जूझ रहा हो उसके ही सहारे नवनिर्मित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को भी संचालित करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं होगा। और यदि एनएमडीसी जगदलपुर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का संचालन करना चाहती है तो इस बात से कतई गुरेज नहीं है। किन्तु एनएमडीसी ने नगरनार में इस्पात संयंत्र की स्थापना से पूर्व क्षेत्र की जनता से स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जो वायदा किया था और जिस उद्देश्य को लेकर लगभग 22 एकड़ जमीन ग्राम कोपागुड़ा में 15 वर्ष पूर्व जनता ने दी है उस जमीन पर अस्पताल बनाकर अपने वायदे को भी पूरा करने की बात बाफना ने कही है।

बता दें कि, एनएमडीसी के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए बाफना ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया था और क्षेत्र की जनता एवं भाजपा कार्यकर्ताओं संग 26 दिसम्बर 2022 को जन आक्रोश पदयात्रा भी निकाली थी। और एनएमडीसी प्रबंधन को कई बार चेतावनी भी दी, लेकिन हर बार की तरह बस्तर के लोगों को एनएमडीसी से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है।

पूर्व विधायक संतोष बाफना ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह कर कहा है कि, बस्तर की जनता को सिर्फ अस्पताल के ढांचे की नहीं है बल्कि मौजूदा अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, प्लास्टिक सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञ चिकित्सक, अत्याधुनिक चिकित्सकीय उपकरण व उनको संचालित करने वाले टैक्निशियन की आवश्यकता है। और इसकी पूर्ति तभी संभव होगी, जब जगदलपुर के इस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को सरकार अपने नियंत्रण में रखकर किसी विश्वस्तरीय चिकित्सकीय संस्थान जैसे अपोलो, फोर्टिस, मैक्स, वॉकहार्ट, नारायण हेल्थ, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, हिंदूजा, किम्स आइकॉन, एस्टर डीएम हेल्थ केयर जैसे विश्वस्तरीय चिकित्सा संस्थान के माध्यम से संचालित करे। एवं आयुष्मान भारत, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा, केन्द्रीय स्वास्थ्य बीमा जैसी तमाम सरकारी योजनाओं के माध्यम से इस अस्पताल में मरीजों को निःशुल्क ईलाज मिले व मरीज पर होने वाले सभी खर्च सरकार वहन करे। एवं एनएमडीसी द्वारा बस्तर की जनता से जो वायदा तय किया था उस वायदे के अनुसार नगरनार इस्पात संयंत्र के समीप अपने अलग सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल परियोजना की स्वीकृति एवं निर्माण कार्य प्रारंभ करने की कार्यवाही की जाए, इसके लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर एनएमडीसी पर उचित दबाव बनाने का प्रयास करे, ताकि बस्तर की परिक्षेत्रीय सुविधाओं में विस्तार हो।

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