छत्तीसगढ़

अपनी रुग्ण मानसिकता का परिचय दिया दो महिला शिक्षिकाए, बजरंग बली मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने से मना करने पर मंदिर के वयोवृद्ध पुजारी पर चारित्रिक लांछन लगाया……

जगदलपुर(प्रभात क्रांति), बस्तर जिला जगदलपुर के वयोवृद्ध पुजारी पर चारित्रिक लांछन का सच आखिर क्या है, 
बस्तर के निवासियों को अमन पसंद और लोगों की सादगीपूर्ण जीवन शैली के लिए जाना जाता है । विगत कुछ समय से देखा जा रहा है कि कतिपय लोगों द्वारा यहां की शांति और सामाजिक सौहार्द व समरसता को बिगाड़ने का लगातार प्रयास किया जा रहा है । विशेषकर इन लोगों के सबसे ज्यादा टारगेट पर सनातन धर्म ही है । यह चलित मान्यता भी है कि सनातन धर्म के लोग सहज और सरल होकर लोगों को आत्मसात करने का भाव रखते हैं । सनातन में कट्टरता वाला भाव कम ही देखने को मिलता है । ऐसा ही एक मामला जगदलपुर में सामने आया हैए जिसमें वयोवृद्ध पुजारी पर चारित्रिक लांछन लगाया गया है । यह बात किसी के भी गले नहीं उतर रही है। लोगों को शक है कि इसके पीछे गहरी साजिश हो सकती है।

हाल के दिनों में शहर में घटित एक घटना ने फिर से कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक महिला ने बजरंग बली मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने से मना करने पर बुजुर्ग पुजारी पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगा दिया। पुजारी की उम्र लगभग 80 वर्ष के आसपास है। अपने से दुगुनी उम्र के शख्स पर मंदिर में सुंदरकांड पाठ चलने के दौरान और अच्छी भीड़ होने के बावजूद छेड़खानी का आरोप लगाना कहीं न कहीं पूरे घटनाक्रम पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर का चोला और अन्य श्रृंगार अक्सर पंडितों के माध्यम से ही किया जाता है। मंदिर के गर्भगृह अन्य लोगों को प्रवेश न करने देने के पीछे मूर्ति और उसके आसपास के क्षेत्र की साफ सफाई और शुद्धता बरकरार रखने की मंशा निहित होती है । इस तरह से एक उम्रदराज पंडित पर सीधे छेड़खानी का आरोप लगाना कई सवालों को जन्म दे रहा है।

वयोवृद्ध पुजारी पर चारित्रिक लांछन का सच आखिर क्या है:-
विवाद से हुआ सुंदरकांड पाठ प्रभावित

उक्त घटनाक्रम के बाद मंदिर में एकाएक लोगों की भीड़ और शोर शराबे से भक्तों द्वारा किया जा रहा सुंदरकांड पाठ भी मजबूरीवश बंद करना पड़ गया, जो कि बेहद दुर्भाग्य जनक है। इसे लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों ने उक्त घटना को लेकर यह भी आशंका व्यक्त की है कि कहीं छेड़खानी का आरोप लगाने
लगाने वाली महिलाएं किसी ईसाई मिशनरी से संबंध रखने वाली अथवा प्रेरित तो नहीं है। जिनके द्वारा किसी साजिश के तहत सनातन धर्म को बदनाम करने उम्रदराज पुजारी को सहजता से माध्यम बनाया गया है। लोगों ने इन तमाम बिंदुओं पर भी गौर करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है ।

क्या कहना है प्रत्यक्ष दर्शियों का :-

घटना 3 फरवरी 2024 शनिवार की बताई जा रही है जब मंदिर परिसर में सौ से ज्यादा लोग एकत्रित थे सभी का ये कहना है कि महिलाएँ बदतमीजी करने और पूजा पाठ को प्रभावित करने की नीयत से ही वहाँ आई थी पंडित जी ने सिर्फ कड़वे पान के पत्ते चढ़ाने से मना किया जिस पर उनके खिलाफ षड्यंत्र रच कर झूठा मामला दर्ज करवाया गया है ।

‘‘अति सर्वत्र वर्जेत’’

उक्त महिला शिक्षक इन दिनों जगदलपुर में युवा नेतृत्व का असफल प्रयास कर रही फ्रस्ट्रेटेड तलाकशुदा महिला है । ध्यातव्य है कि केबीसी में जाने के बाद से ही अति महत्वकांक्षा के चलते मानसिक रूप से विक्षिप्तता के कगार पर है । जिसका परिणाम सभ्य समाज को चुकाना पड़ रहा है । यह घटना क्रम भी इसी फ्रस्ट्रेटेड महिला की कारगुजारियों का परिणाम है ।

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