एक कदम ग्राम सभा की ओर थीम पर सर्व आदिवासी समाज के युवाओं दे रहे हैं पेसा और वनाधिकार कानून की जानकारी…
भोंड, सर्व आदिवासी समाज के युवाओं के द्वारा एक कदम ग्राम सभा की ओर थीम पर जनपद पंचायत बस्तर के ग्राम पंचायत चोकर में पेसा कानून और वन अधिकार मान्यता कानून 2006 का कार्यशाला आयोजित किया गया। जिसमें सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग अध्यक्ष संतु मौर्य ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पेसा (PESA) नियम-2022 लागू किया है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सामुदायिक संसाधनों पर अधिकार दिलाना है। पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं को जमीन, खनिज संपदा, और लघु वनोपज की सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी दी गई है ।पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं को अपने क्षेत्र में विकास कार्यों की योजना बनाने और उनका क्रियान्वयन करने की शक्ति दी गई है ।ग्राम सभाओं को अपने क्षेत्र में स्थित सामुदायिक संसाधनों पर अधिकार दिलाया गया है ।पेसा कानून का उद्देश्य ग्रामीण भारत में स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा देना है ।बनसिंह मौर्य ने बताया कि वन अधिकार मान्यता कानून 2006 भारत में आदिवासी और पारंपरिक आदिवासियों समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए बनाया गया एक महत्वपूर्ण कानून है।
इस कानून को 18 दिसम्बर, 2006 को संसद ने सर्वसम्मति से पारित किया था ।इसका मुख्य उद्देश्य वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनके अधिकारों की मान्यता दिलाना और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है । वन अधिकार कानून 2006 के तहत इस कानून के तहत आदिवासी समुदायों को उनके पारंपरिक वन अधिकारों की मान्यता दी गई है । आदिवासी समुदायों को उनकी पारंपरिक भूमि पर अधिकार दिलाया गया है ।इस कानून के तहत ग्राम सभाओं को वन प्रबंधन और विकास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है । वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है ।स्वशासन को बढ़ावा मिला है और ग्राम सभाओं को महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है ।कमलेश कश्यप ने बताया कि सबसे पहले भारत की इतिहास में ब्रिटिश शासन 200 साल तकरीबन चला और जब भारत देश में 1947 स्वतंत्रता कइ सेनानी क्रान्तिकारीयो से आंदोलन , आजादी हासिल किए और 26 जनवरी 1950 में संविधान लागू किया महात्मा गांधी के द्वारा ग्राम स्वराज की कल्पना मुल इकाई गांव में हैं विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत है जो भारतीय_संविधान से चलता है और संविधान को उसके द्वारा बनाएं कानून व्यवस्था चलाते हैं और उन कानूनों को उनके द्वारा बनाएं नियम चलाते हैं और उन नियमों को उनके द्वारा बनाएं. आदेश, निर्देशों, परिपत्र चलाते हैं।
सीधा सीधा मतलब सरकार कागज से चलता है और यह देश संविधान से चलाता है। यदि अपने पारंपरिक सीमा क्षेत्र के जल, जगल और जमीन पर दावा करना है तो कानून सम्मत कागजों (PESA & RoFRA) पर ध्यान केंद्रित करना होगा।इस दौरान सर्व आदिवासी समाज जिला युवा प्रभाग अध्यक्ष संतु मौर्य, जनपद पंचायत सदस्य शक्ति बघेल, सरपंच लखमी बघेल , सोमारू मौर्य, सर्व आदिवासी समाज सचिव हेमराज बघेल, बनसिंह मौर्य, कमलेश कश्यप, पूरन सिंह कश्यप, कृष्ण बघेल, हेमराज कश्यप , सुखराम बघेल, प्रदूम कश्यप, योगेश कुमार बघेल, पुजारी लिंगेस्वर बघेल, जगन मौर्य, सोबि मौर्य, राम सिंह पटेल , रामसिंह कोटवार, गोवर्धन कश्यप, सुकरू कश्यप, अच्छन बाई, पार्वती मौर्य, रुक्मणी बघेल, तिलो कश्यप, मुना राम कश्यप आदि उपस्थित थे।