छत्तीसगढ़

परामर्श बाद बुधराम ने संस्थागत प्रसव का लिया निर्णय, जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित, जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, कार्यकर्ता , मितानिन और महिला स्वास्थ्य कार्यकताओं की भूमिका सराहनीय

ब्यूरो चीफ राजेश कुमार  :-

बीजापुर(प्रभात क्रांति), भैरमगढ़ की ग्राम पंचायत रानीबोदली के आंगनबाड़ी केंद्र से एक साकारात्मक खबर निकल कर सामने आ रही है। जहां शुक्रवार को गर्भवती माता सुकली कोडयामि उम्र 28 वर्ष को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। परिवार वाले संस्थागत प्रसव के लिए तैयार नहीं हों रहे थे। जैसे ही यह खबर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और महिला स्वास्थ कार्यकर्ता को मिली उन्होंने बिना देर किए महिला के घर पहुंच परिवार वालों को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया, ताकि सुरक्षित प्रसव कराकर मां और शिशु को स्वस्थ रखा जा सके।
कुटरू परियोजना की महिला पर्यवेक्षक प्रियंका भारद्वाज ने बताया कि गैर संस्थागत प्रसव के खतरों और संस्थागत प्रसव से होने वाले फायदे के बारे में नियमित रूप से कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट कर संस्था गत प्रसव के फायदे की जानकारी दिया गया, जिस पर पति बुधराम सास सन्नी कुड़ियामी गौर से सुनने और समझने के बाद महिला के पति बुधराम कोडयामि ने संस्थागत प्रसव कराने का निर्णय लिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिता गोता ने 102 महतारी एक्सप्रेस के माध्यम से महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुटरू लाया गया। जहां महिला ने स्वस्थ बेबी गर्ल को जन्म दिया, जिसका वजन 3.12 कि. ग्रा. हैं। जच्चा _ बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
बीजापुर सीएमएचओ डॉ बीआर पुजारी ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग से समन्वय कर जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सयुक्त रूप से प्रयास की जा रही है। अंदुरूनी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति भी की गई है।

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